Vaastavik Sankhyaen Kaksha 8
परिचय
जैसा कि नाम से पता चलता है, ये संख्याएँ गणितीय गणना के लिए वास्तविक हैं। वास्तविक संख्याएँ विभिन्न प्रकार की होती हैं। कक्षा 8 में, हम वास्तविक संख्याओं (Real Number Class 8th) की परिभाषा, उदाहरणों के साथ प्रकार, और गुणों के बारे में जानेंगे।
परिभाषा
सभी परिमेय संख्याएँ और अपरिमेय संख्याएँ वास्तविक संख्याएँ कहलाती हैं। वास्तविक संख्याओं को R से निरूपित किया जाता है।
उदाहरण – 0, 2, -9, 3.6, 5/6, 8.567567……., π(3.1415……) आदि।
वास्तविक संख्याओं के प्रकार
परिमेय संख्याएँ – वे संख्याएँ हैं जिन्हें p/q के रूप में लिखा जा सकता है, परिमेय संख्याएँ कहलाती हैं। जहाँ, p और q पूर्णांक संख्याएँ हैं और q ≠ 0 । परिमेय संख्याओं को Q द्वारा निरूपित किया जाता है।
उदाहरण – ½, 3/5, -7/2, 1/-3 आदि।
प्राकृत संख्याएँ – 1 से शुरू होने वाली सभी गिनती की संख्याएँ प्राकृत संख्याएँ कहलाती हैं। प्राकृत संख्याओं को N द्वारा दर्शाया जाता है।
उदाहरण – 1, 2, 3, 4, 5, 6………∞ (अनंत)
पूर्ण संख्याएँ – 0 सहित सभी प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्याएँ कहलाती हैं। पूर्ण संख्याओं को W द्वारा दर्शाया जाता है।
उदाहरण – 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6……….∞ ( अनंत)
पूर्णांक संख्याएँ – 0 सहित सभी धनात्मक और ऋणात्मक संख्याएँ, पूर्णांक संख्याएँ कहलाती हैं। पूर्णांक संख्याओं को Z द्वारा निरूपित किया जाता है।
उदाहरण – -∞………..-4, -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, 4………..∞
पूर्णांक संख्याएँ दो प्रकार की होती हैं –
- धनात्मक पूर्णांक संख्याएँ – धनात्मक संख्याएँ, धनात्मक पूर्णांक संख्याएँ कहलाती हैं। इन्हें Z+ से दर्शाया जाता है। उदाहरण – 1, 2, 3, 4, 5……∞
- ऋणात्मक पूर्णांक संख्याएँ – ऋणात्मक संख्याएँ, ऋणात्मक पूर्णांक संख्याएँ कहलाती हैं। इन्हें Z– से दर्शाया जाता है। उदाहरण – -1, -2, -3, -4……. -∞
नोट – 0 सहित धनात्मक पूर्णांक संख्याओं को पूर्ण संख्याएँ कहते हैं।
अपरिमेय संख्याएँ – वे संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता है, अपरिमेय संख्याएँ कहलाती हैं। जहाँ p और q पूर्णांक संख्याएँ हैं और q ≠ 0। अपरिमेय संख्याओं को T द्वारा निरूपित किया जाता है। इन्हे R\Q द्वारा भी निरूपित कर सकते है, जहाँ R वास्तविक संख्याओं को और Q परिमेय संख्याओं को दर्शाते है। R\Q का अर्थ वास्तविक संख्याओं में परिमेय संख्याओं को छोड़कर संख्याओं का समूह है जो अपरिमेय संख्याएँ हैं।
उदाहरण– √2, √3, √5, √7, 1.2345728904……, π(3.1415926535897932…….) आदि।
वास्तविक संख्याओं के गुण
वास्तविक संख्याओं के गुण चार प्रकार के होते हैं-
- क्रमविनिमेय गुण
- साहचर्य गुण
- वितरण या बंटन गुण
- तत्समक गुण
(1) क्रमविनिमेय गुण – वास्तविक संख्याओं के लिए क्रमविनिमेय गुण का उपयोग जोड़ और गुणा में ही होता है। यदि A और B दो वास्तविक संख्याएँ हैं तो
जोड़ के लिए – A+B = B+A
उदाहरण – 1) 2+3 = 3+2 = 5 यहाँ, A = 2 और B = 3
2) -4+5 = 5+(-4) = 1 यहाँ, A = -4 और B = 5
गुणन के लिए – A×B = B×A
उदाहरण – 1) 3×4 = 4×3 = 12 यहाँ, A = 3 और B = 4
2) 1×(-6) = -6×1 = -6 यहाँ, A = 1 और B = -6
नोट – वास्तविक संख्याओं के लिए क्रमविनिमेय गुण का उपयोग घटाव और भाग में नहीं होता है।
(2) साहचर्य गुण – साहचर्य गुण का उपयोग भी जोड़ और गुणा में ही होता है। यदि A, B और C तीन वास्तविक संख्याएँ हैं तो
जोड़ के लिए – A + (B+C) = (A+B) + C
उदाहरण – 1) 3 + (4+5) = (3+4) + 5 = 12 यहाँ, A = 3, B = 4 और C = 5
2) 3 + {4+(-5)} = (3+4) + (-5) = 2 यहाँ, A = 3, B = 4 और C = -5
गुणन के लिए – A×(B×C) = (A×B)×C
उदाहरण – 1) -1×(-4×5) = {-1×(-4)}×5 = 20 यहाँ, A = -1, B = -4 और C = 5
2) -2×(1×5) = (-2×1)×5 = -10 यहाँ, A = -2, B = 1 और C = 5
नोट – वास्तविक संख्याओं के लिए साहचर्य गुण का उपयोग घटाव और भाग में नहीं होता है।
(3) वितरण या बंटन गुण – यदि A, B और C तीन वास्तविक संख्याएं हैं तो वितरण गुण इसप्रकार होता है
A×(B+C) = A×B + A×C
उदाहरण – 1) 5×(6+7) = 5×6 + 5×7 यहाँ, A = 5, B = 6 और C = 7
5×(13) = 30 + 35
65 = 65
2) 2×(-3+7) = 2×(-3) + 2×7 यहाँ, A = 2, B = -3 और C = 7
2×(4) = -6 + 14
8 = 8
(4) तत्समक गुण – तत्समक गुण दो प्रकार का होता है।
- योगात्मक तत्समक
- गुणनात्मक तत्समक
(1) योगात्मक तत्समक – जब किसी वास्तविक संख्या में 0 जोड़ा जाता है तो परिणाम हमेशा वही वास्तविक संख्या होती है। 0 वास्तविक संख्याओं के लिए योगात्मक तत्समक है। यदि A एक वास्तविक संख्या है तो इसका योगात्मक तत्समक होगा
A+0 = 0+A = A
उदाहरण – 1) 5+0 = 0+5 = 5 यहाँ, A = 5
2) -9+0 = 0+(-9) = -9 यहाँ, A = -9
(2) गुणनात्मक तत्समक – जब 1 को किसी वास्तविक संख्या से गुणा किया जाता है तो परिणाम हमेशा वही वास्तविक संख्या होती है। 1 वास्तविक संख्याओं के लिए गुणनात्मक तत्समक है। यदि A एक वास्तविक संख्या है तो इसका गुणनात्मक तत्समक होगा
A×1 = 1×A = A
उदाहरण – 1) 7×1 = 1×7 = 7 यहाँ, A = 7
2) -5×1 = 1×(-5) = -5 यहाँ, A = -5
वास्तविक संख्याएँ कक्षा 8 (Real Number Class 8th) अँग्रेजी में