त्रिकोणमितीय अनुपातों के बीच सम्बन्ध कक्षा 10 (Relationship Between Trigonometric Ratios Class 10th)

Trikonamiteey Anupaaton ke Beech Sambandh

परिचय

हम जानते हैं कि sin ϴ, cos ϴ और tan ϴ का विलोम क्रमशः cosec ϴ, sec ϴ और cot ϴ होता है। इसलिए कुछ सूत्र यहां दिए गए हैं जो त्रिकोणमितीय अनुपातों के बीच सम्बन्ध (Relationship Between Trigonometric Ratios) को दर्शाते है।

सूत्र की उत्पत्ति और व्याख्या

यदि हम △PQR मान ले,

त्रिकोणमितीय अनुपातों के बीच सम्बन्ध (RELATIONSHIP BETWEEN TRIGONOMETRIC RATIOS)

sin ϴ = PQ/PR    और cosec ϴ = PR/PQ

sin ϴ⨯cosec ϴ = (PQ/PR)⨯(PR/PQ)

sin ϴ⨯cosec ϴ = 1

इसीतरह,

1) sin ϴ×cosec ϴ = 1  ⇒   sin ϴ = 1/cosec ϴ और     cosec ϴ = 1/sin ϴ 

2) cos ϴ×sec ϴ = 1   ⇒     cos ϴ = 1/sec ϴ     और     sec ϴ = 1/cos ϴ 

3) tan ϴ×cot ϴ = 1   ⇒    tan ϴ = 1/cot ϴ     और     cot ϴ = 1/ tan ϴ 

4) tan ϴ = sin ϴ/cos ϴ

∵ sin ϴ = PQ/PR         और          cos ϴ = QR/PR

अब sin ϴ/cos ϴ = (PQ/PR) ∕ (QR/PR) = (PQ/PR)×(PR/QR) = PQ/QR = लम्ब/आधार = tan ϴ

इसीतरह,

5) cot ϴ = cos ϴ/sin ϴ    

त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ

(1) sin2 ϴ + cos2 ϴ = 1

∵ sin ϴ = PQ/PR     और      cos ϴ = QR/PR [ऊपर दी गई आकृति △PQR से]

बायाँ पक्ष       

sin2 ϴ + cos2 ϴ

(PQ/PR)2 + (QR/PR)2 

PQ2/PR2 + QR2/PR2

(PQ2 + QR2)/PR2

PR2/PR2  = 1 = दायाँ पक्ष        (पाइथागोरस प्रमेय द्वारा PR2 = PQ2 + QR2)

(2) 1 + tan2 ϴ = sec2 ϴ

∵ tan ϴ = PQ/QR   [ऊपर दी गई आकृति △PQR से]

बायाँ पक्ष

1 + tan2 ϴ

1 + (PQ/QR)2

(1 + PQ2)/QR2

(QR2 + PQ2)/QR2 

PR2/QR2 = (PR/QR)2 = sec2 ϴ = दायाँ पक्ष

वैकल्पिक विधि –

हम जानते है कि,  sin2 ϴ + cos2 ϴ = 1

दोनों तरफ cos2 ϴ से भाग देने पर,

(sin2 ϴ/cos2 ϴ) + (cos2 ϴ/cos2 ϴ) = 1/cos2 ϴ         ( ∵ tan ϴ = sin ϴ/cos ϴ)

tan2 ϴ + 1 = sec2 ϴ   

(3) 1 + cot2 ϴ = cosec2 ϴ

∵ cot ϴ = QR/PQ [ऊपर दी गई आकृति △PQR से] 

बायाँ पक्ष   

1 + cot2 ϴ

1 + (QR/PQ)2

(1 + QR2)/PQ2 

(PQ2 + QR2)/PQ2 

PR2/PQ2 = (PR/PQ)2 = cosec2 ϴ = दायाँ पक्ष   

वैकल्पिक विधि –

हम जानते है कि,  sin2 ϴ + cos2 ϴ = 1

दोनों तरफ sin2 ϴ से भाग देने पर,

(sin2 ϴ/sin2 ϴ) + (cos2 ϴ/sin2 ϴ) = 1/sin2 ϴ        (∵ cot ϴ = cos ϴ/sin ϴ)  

1 + cot2 ϴ  = cosec2 ϴ

नोट  – 1) (sin ϴ)2 = sin2 ϴ ≠ sin ϴ2

इसका मतलब है (sin ϴ)2 को sin2 ϴ के रूप में लिखा जा सकता है लेकिन sin ϴ2 के रूप में नहीं लिखा जा सकता है। यह अन्य त्रिकोणमितीय फलनों के लिए भी लागू होता है।

2) त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ निम्न रूप में लिखी जा सकती है।

sin2 ϴ + cos2 ϴ = 11 + tan2 ϴ = sec2 ϴ1 + cot2 ϴ  = cosec2 ϴ
sin2 ϴ = 1 – cos2 ϴsec2 ϴ – tan2 ϴ = 1cosec2 ϴ – cot2 ϴ = 1
cos2 ϴ = 1 – sin2 ϴtan2 ϴ = sec2 ϴ – 1cot2 ϴ = cosec2 ϴ – 1

उदाहरण – यदि sin ϴ = 5/13 है, तो त्रिकोणमितीय अनुपातों के बीच संबंध का उपयोग करते हुए सभी त्रिकोणमितीय फलन ज्ञात कीजिये, जहाँ ϴ एक न्यून कोण है।

हल – यहाँ sin ϴ = 5/13    

हम जानते हैं कि  sin2 ϴ + cos2 ϴ = 1

(5/13)2 + cos2 ϴ = 1

cos2 ϴ = 1 – (25/169)

cos ϴ = √(169-25)/169 = √(144/169) = 12/13 

∵ sec ϴ = 1/cos ϴ  

sec ϴ = 1 ∕ 12/13 = 13/12  

∵ cosec ϴ = 1/sin ϴ = 1 ∕ 5/13 = 13/5  

∵ 1 + cot2 ϴ = cosec2 ϴ

cot2 ϴ = cosec2 ϴ – 1

cot ϴ = √(13/5)2 – 1= √169/25 – 1 = √(169-25)/25 = √(144/25) = 12/5  

∵ tan ϴ = 1/cot ϴ

tan ϴ = 1 ∕ 12/5 = 5/12  

त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाओं पर आधारित उदाहरण

उदाहरण 1) सिद्ध कीजिए tan ϴ + cot ϴ = sec ϴ×cosec ϴ

हल – tan ϴ + cot ϴ = sec ϴ×cosec ϴ

बायाँ पक्ष    tan ϴ + cot ϴ

sin ϴ/cos ϴ + cos ϴ/sin ϴ

(sin ϴ⨯sin ϴ + cos ϴ⨯cos ϴ)/cos ϴ⨯sin ϴ

(sin2 ϴ + cos2 ϴ)/cos ϴ⨯sin ϴ {∵ sin2 ϴ + cos2 ϴ = 1}

(1/cos ϴ)⨯sin ϴ = sec ϴ × cosec ϴ = दायाँ पक्ष

उदाहरण 2) सिद्ध कीजिए(1 + cot2 ϴ)(1 + cos ϴ)(1 – cos ϴ) = 1

हल – (1 + cot2 ϴ)(1 + cos ϴ)(1 – cos ϴ) = 1

बायाँ पक्ष   (1 + cot2 ϴ)(1 + cos ϴ)(1 – cos ϴ) {∵ 1 + cot2 ϴ = cosec2 ϴ}

(cosec2 ϴ)(1 – cos2ϴ)           {(a+b)(a-b) = a2 – b2}

cosec2 ϴ×sin2 ϴ {∵ 1 – cos2 ϴ = sin2 ϴ}

(1/sin2ϴ)×sin2ϴ                    {cosec ϴ = 1/sinϴ}

1 = दायाँ पक्ष

त्रिकोणमितीय अनुपातों के बीच सम्बन्ध (Relationship Between Trigonometric Ratios) कक्षा 10 अँग्रेजी में

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