पाइथागोरस प्रमेय (बौधायन प्रमेय) कक्षा 10 (The Pythagoras Theorem Class 10th)

Pythagoras Pramey (Baudhaayan Pramey)

परिचय

पाइथागोरस प्रमेय (The Pythagoras Theorem) ग्रीक गणितज्ञ पाइथागोरस द्वारा दी गई है। पाइथागोरस से पहले, इस प्रमेय को भारतीय गणितज्ञ बौधायन द्वारा खोजा गया था, इसलिए इस प्रमेय को बौधायन प्रमेय के रूप में भी जाना जाता है।

पाइथागोरस प्रमेय (बौधायन प्रमेय) (THE PYTHAGORAS THEOREM)

कथन – इस प्रमेय के अनुसार, समकोण त्रिभुज में, कर्ण भुजा का वर्ग, आधार भुजा और लम्ब भुजा के वर्ग के योग के बराबर होता है।

पाइथागोरस प्रमेय (बौधायन प्रमेय) (THE PYTHAGORAS THEOREM)

सूत्र – (कर्ण)2 = (आधार)2 + (लंब)2

कर्ण – Hypotenuse, आधार – Base, लंब – Perpendicular

इसलिए, हम H2 = B2 + P2 भी लिख सकते हैं।

नोटइस प्रमेय का उपयोग केवल समकोण त्रिभुज के लिए किया जा सकता है।

इसका उपयोग कैसे किया जाता है, आइये देखते है

पाइथागोरस प्रमेय का उपयोग समकोण त्रिभुज की किसी भी भुजा को ज्ञात करने के लिए किया जाता है जब शेष दो भुजायें दी गई हो।

उदाहरण – एक समकोण त्रिभुज में, आधार 4 सेमी है और लंब 3 सेमी है तो इसके कर्ण को ज्ञात कीजिये।

हल – यहाँ, आधार(B) = 4 सेमी, लंब(P) = 3 सेमी, कर्ण(H) =?

पाइथागोरस प्रमेय द्वारा, H2 = B2 + P2

H2 = (4)2 + (3)2

H2 = 16 + 9

H2 = 25

H = √25

H = 5 सेमी

इसलिए, कर्ण 5 सेमी है।             उत्तर

पाइथागोरस प्रमेय की उपपत्ति –

(1) समकोण त्रिभुज में, कर्ण पर बने वर्ग का क्षेत्रफल अन्य दो भुजाओं पर बने वर्गों के क्षेत्रफल के योग के बराबर होता है।

पाइथागोरस प्रमेय (बौधायन प्रमेय) (THE PYTHAGORAS THEOREM)

दिया गया है – △ABC में, ∠C = 90° है और वर्ग ACDE, ABFG and BCHK क्रमशः भुजाओं AC, AB और BC पर बने हैं।

सिद्ध करना है – ar(ACDE) = ar(ABFG) + ar(BCHK)                [ar = क्षेत्रफल (Area)]

रचना – BM⊥DE खींचा और AH और BD को मिलाया।

उपपत्ति – ∠ACD = ∠BCH = 90° (वर्ग के कोण)

दोनों तरफ ∠ACB जोड़ने पर,   

∠ACD + ∠ACB = ∠BCH + ∠ACB

∠BCD = ∠ACH —————-(1)

△ACH and △DCB में,

AC = CD (वर्ग ACDE की भुजाएँ)

CH = BC (वर्ग BCHK की भुजाएँ)

∠ACH = ∠BCD [समीकरण (1) से]

भुजा-कोण-भुजा (SAS) सर्वांगसमता नियम द्वारा,

△ACH ≅ △DCB    

∴ ar(△ACH) = ar(△DCB) (सर्वांगसम त्रिभुजों के क्षेत्रफल बराबर होते है)   —————-(2)

∵ ∠ABC = ∠CBK = 90°

∴ ∠ABC + ∠CBK = 180°

इसका मतलब ABK एक सीधी रेखा है।

∵ CH∥BK

∴ CH∥AK

∵ △ACH और वर्ग BCHK एक ही आधार CH और एक ही समानांतर रेखाओ AK और CH के बीच स्थित हैं।

∴ ar(△ACH) = ½ ar(वर्ग BCHK)    —————(3)

इसी तरह, △DCB और आयत CDML एक ही आधार CD और एक ही समानांतर रेखाओं CD और BM के बीच स्थित हैं।

∴ ar(△DCB) = ½ ar(आयत CDML)   —————(4)

समीकरण (2), (3) और (4) से,

ar(△ACH) = ar(△DCB)

½ ar(वर्ग BCHK) = ½ ar(आयत CDML)

ar(वर्ग BCHK) = ar(आयत CDML)    —————(5)

इसी तरह,        ar(वर्ग ABFG) = ar(आयत AEML)     —————–(6)

समीकरण (5) और (6) को जोड़ने पर,

ar(वर्ग BCHK) + ar(वर्ग ABFG) = ar(आयत CDML) + ar(आयत AEML)

ar(वर्ग BCHK) + ar(वर्ग ABFG) = ar(वर्ग ACDE)

या    ar(वर्ग ACDE) = ar(वर्ग BCHK) + ar(वर्ग ABFG)    इति सिद्धम

पाइथागोरस प्रमेय की उपपत्ति – (2) समकोण त्रिभुज में, कर्ण भुजा का वर्ग शेष दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है।

पाइथागोरस प्रमेय (बौधायन प्रमेय) (THE PYTHAGORAS THEOREM)

दिया गया है – △ABC में, ∠B = 90°

सिद्ध करना है कि AC2 = AB2 + BC2

रचना BD⊥AC खींचा ।

उपपत्ति –  △ABC and △ADB में,

∠ABC = ∠ADB    (दोनों 90° हैं)

∠BAC = ∠DAB    (दोनों त्रिभुजों में उभयनिष्ठ कोण)

कोण-कोण (AA) समरूपता नियम द्वारा,     △ABC ∼ △ADB

इसलिए,  AB ∕ AD = AC ∕ AB  (थेल्स प्रमेय द्वारा)

AB2 = AC⨯AD    —————(1)

अब △ABC और △BDC में,

∠ABC = ∠BDC    (दोनों 90° हैं)

∠ACB = ∠BCD    (दोनों त्रिभुजों में उभयनिष्ठ कोण)

कोण-कोण (AA) समरूपता नियम द्वारा,     △ABC ∼ △BDC

इसलिए,  BC / DC = AC / BC   (थेल्स प्रमेय द्वारा)

BC2 = AC⨯CD    —————(2)

समीकरण (1) और (2) जोड़ने पर,  

AB2 + BC2 = AC⨯AD + AC⨯CD

AB2 + BC2 = AC (AD + CD)

AB2 + BC2 = AC⨯AC

AB2 + BC2 = AC2

AC= AB2 + BC2                       इति सिद्धम

पाइथागोरस प्रमेय के कुछ अन्य उदाहरण

उदाहरण 1) एक समकोण त्रिभुज में, कर्ण 7 सेमी और लंब 4 सेमी है तो उसका आधार ज्ञात करें।

हल – पाइथागोरस प्रमेय द्वारा,

H2 = B2 + P2

(7)2 = B2 + (4)2

49 = B2 + 16

49 – 16 = B2

B2 = 33

B= √33

B = 5.74 सेमी      

इसलिए, आधार 5.74 सेमी है। उत्तर

उदाहरण 2) एक आयत की लंबाई और चौड़ाई क्रमशः 5 सेमी और 7 सेमी है। इसका विकर्ण ज्ञात कीजिये?

हल – विकर्ण के कारण, यह आयत दो समकोण त्रिभुजों में विभाजित होता है

तो पाइथागोरस प्रमेय द्वारा,

AC2 = AB2 + BC2

AC2 = (5)2 + (7)2

AC2 = 25 + 49

AC2 =  74

AC = √74

AC = 8.60 cm   

इसलिए, विकर्ण की लंबाई 8.60 सेमी है।           उत्तर

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