चक्रीय चतुर्भुज कक्षा 10 (Cyclic Quadrilateral Class 10th)

Chakreey Chaturbhuj

परिचय

परिभाषा – वह चतुर्भुज जिसके चारों शीर्ष वृत्त पर स्थित होते हैं, चक्रीय चतुर्भुज (Cyclic Quadrilateral) कहलाता है।

चक्रीय चतुर्भुज (CYCLIC QUADRILATERAL)

चतुर्भुज ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है। इसके शीर्ष A, B, C और D वृत्त पर स्थित हैं। यदि हम सभी चार कोणों को मापते हैं और सम्मुख कोणो को जोड़ते हैं तो हम पाएंगे कि सम्मुख कोणों का योग 180° है। इसका अर्थ है कि सम्मुख कोण सम्पूरक होते हैं।

हम इसे स्वयं-गतिविधि और प्रमेय की मदद से सिद्ध कर सकते हैं।

चक्रीय चतुर्भुज (Cyclic Quadrilateral) से सम्बंधित प्रमेय

प्रमेय 1) चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोण सम्पूरक (180°) होते हैं।

चक्रीय चतुर्भुज (CYCLIC QUADRILATERAL)

दिया गया हैचतुर्भुज ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है।

सिद्ध करना है कि – ∠A + ∠C = 180° और ∠B + ∠D = 180°

रचना बिंदुओं A और C को केंद्र O से मिलाया।

उपपत्ति – चाप ADC द्वारा, वृत्त के केंद्र पर बना कोण y° हैं और वृत्त के शेष भाग पर बना कोण ∠B है। तो प्रमेय द्वारा, वृत्त के शेष भाग पर बना कोण ∠B, वृत्त के केंद्र पर बने कोण y° का आधा होगा।

∠B = ½(y°) —————-(1)

इसी तरह, चाप ABC द्वारा, वृत्त के केंद्र पर बना कोण x° है और वृत्त के शेष भाग पर बना कोण ∠D है। तो प्रमेय द्वारा,

∠D = ½(x°) —————-(2)

समीकरण (1) और (2) को जोड़ने पर,

∠B + ∠D = ½(y°) + ½(x°) = ½(y° + x°)

∠B + ∠D = ½(360°)      [वृत्त के केंद्र के चारों ओर बना कोण y° + x° = 360° होता है]

∠B + ∠D = 180° —————(3)

हमें पता है कि चतुर्भुज के चारो कोणो का योग 360° होता है

तो,  ∠A + ∠B + ∠C + ∠D = 360°

∠A + ∠C + 180° = 360°     [समीकरण (3) से, ∠B + ∠D = 180°]

∠A + ∠C = 360° – 180°

∠A + ∠C = 180° ——————(4)

समीकरण (3) और (4) से, यह सिद्ध होता है कि चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोण सम्पूरक होते हैं।                    इति सिद्धम

प्रमेय का विलोम

प्रमेय 2) यदि किसी चतुर्भुज के सम्मुख कोण सम्पूरक (180°) हैं, तो यह एक चक्रीय चतुर्भुज है।

चक्रीय चतुर्भुज (CYCLIC QUADRILATERAL)

दिया गया है – PQRS एक चतुर्भुज है जिसमें ∠PQR + ∠PSR = 180° और ∠QPS + ∠QRS = 180°

सिद्ध करना है कि – PQRS एक चक्रीय चतुर्भुज है।

उपपत्ति माना एक वृत्त बिन्दुओ P, Q, R और S` से गुजरता है। अगर हम PS` को मिलाते हैं तो यह चक्रीय चतुर्भुज PQRS` बन जाता है।

फिर, ∠PQR + ∠PS`R = 180° [चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोणों का योग] ————–(1) 

लेकिन,     ∠PQR + ∠PSR = 180° [दिया गया है] —————(2)

समीकरण (1) और (2) से,

∠PQR + ∠PS`R = ∠PQR + ∠PSR

∠PS`R = ∠PSR —————–(3)

लेकिन  △PSS` में, ∠PS`R एक बाह्य कोण है, इसलिए बाह्य कोण गुण द्वारा,

∠PS`R = ∠PSS` + ∠SPS`

इसलिए, ∠PS`R > ∠PSR —————(4)

समीकरण (3)और (4) से, यह स्पष्ट है कि PS और PS` या बिंदु S और S` एक दूसरे के साथ सम्पाती हैं।

अतः यह सिद्ध होता है कि PQRS एक चक्रीय चतुर्भुज है।                  इति सिद्धम

चक्रीय चतुर्भुज के बाह्य कोण और अन्तः सम्मुख कोण के बीच संबंध –

चक्रीय चतुर्भुज (CYCLIC QUADRILATERAL)

एक चक्रीय चतुर्भुज में, बाह्य कोण किसी भी शीर्ष से किसी भी भुजा को बढ़ाकर बनाया गया कोण होता है। उपरोक्त आकृति में, ∠CBE एक बाह्य कोण है, जो कि शीर्ष B से भुजा AB को बढ़ाकर बनाया गया है।

यहां, बाह्य कोण ∠CBE के संगत अन्तः सम्मुख कोण ∠ADC है।

यदि हम ∠ADC को मापते हैं तो हम पाएंगे कि यह बाह्य कोण ∠CBE के बराबर है। इसे हम प्रमेय की सहायता से भी समझ सकते हैं।

प्रमेय 3) चक्रीय चतुर्भुज का बाह्य कोण इसके संगत अन्तः सम्मुख कोण के बराबर होता है।

चक्रीय चतुर्भुज (CYCLIC QUADRILATERAL)

दिया गया है – ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है जिसमें ∠ADE एक बाह्य कोण है।

सिद्ध करना है कि – ∠ABC = ∠ADE

उपपत्ति ∵ ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है।

∴ सम्मुख कोण सम्पूरक होंगे।

∠ABC + ∠ADC = 180° ———(1)

∠ADE + ∠ADC = 180° [रैखिक कोण युग्म द्वारा] ———(2)

समीकरण (1) और (2) से,

∠ABC + ∠ADC = ∠ADE + ∠ADC

∠ABC = ∠ADE                 इति सिद्धम

प्रमेय का विलोम

प्रमेय 4) एक चतुर्भुज में यदि एक भुजा को बढ़ाकर बनाया गया बाह्य कोण, आंतरिक सम्मुख कोण के बराबर है तो यह एक चक्रीय चतुर्भुज है।

चक्रीय चतुर्भुज (CYCLIC QUADRILATERAL)

दिया गया है – PQRS एक चतुर्भुज है जिसमें ∠QPS = ∠QRT

सिद्ध करना है कि PQRS एक चक्रीय चतुर्भुज है।

उपपत्ति – ∠QPS = ∠QRT [दिया गया है]

दोनों ओर ∠QRS जोड़ने पर,

∠QPS + ∠QRS  = ∠QRT + ∠QRS

∠QPS + ∠QRS  = 180°   [रैखिक कोण युग्म द्वारा ∠QRT + ∠QRS = 180°]

हम जानते हैं कि ∠QPS और ∠QRS चतुर्भुज PQRS के सम्मुख कोण हैं और दोनों का योग 180° है। हम जानते हैं कि चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोण सम्पूरक होते हैं।

तो यह सिद्ध होता है कि PQRS एक चक्रीय चतुर्भुज है।                 इति सिद्धम

उदाहरण

उदाहरण 1) दी गई आकृति में, PQRS एक चक्रीय चतुर्भुज है। यदि ∠POR = 146° है तो ∠PQR का मान ज्ञात कीजिए।

हल – यहाँ, चाप PQR द्वारा केंद्र पर बना कोण ∠POR है और वृत्त के शेष भाग पर बना कोण ∠PSR है। तो प्रमेय द्वारा,

2∠PSR = ∠POR

∠PSR = ½(∠POR)

∠PSR = ½⨯146°

∠PSR = 73°

 PQRS एक चक्रीय चतुर्भुज है।

∴ सम्मुख कोण सम्पूरक होंगे।

तो ∠PSR + ∠PQR = 180°

73° + ∠PQR = 180°

∠PQR = 180° – 73°                  

∠PQR = 107°                  उत्तर

उदाहरण 2) दी गई आकृति में, ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है। चाप ABC द्वारा वृत्त के केंद्र पर बनाया गया कोण ∠AOC = 160° है। ∠ADC और ∠CBE ज्ञात कीजिए।

हल – हम जानते हैं कि एक चाप द्वारा केंद्र पर अंतरित किया गया कोण वृत्त के शेष भाग में अंतरित किये गए कोण का दुगुना होता है।

∴ 2∠ADC = ∠AOC

∠ADC = ½(∠AOC) = ½⨯160°

∠ADC = 80°  

चक्रीय चतुर्भुज में, बाह्य कोण, अंतः सम्मुख कोण के बराबर होता है।

इसलिए,  ∠CBE = ∠ADC        

∠CBE = 80°             उत्तर

चक्रीय चतुर्भुज (Cyclic Quadrilateral) कक्षा 10 अँग्रेजी में

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