Dvighaatee Sootra
परिचय
द्विघाती सूत्र महान भारतीय गणितज्ञ श्रीधराचार्य द्वारा दिया गया है और इसे श्रीधराचार्य सूत्र (Shridharacharya Sutra) के रूप में भी जाना जाता है। इस सूत्र का उपयोग द्विघात समीकरण को हल करने के लिए किया जाता है।
x = –b ± √(b2 – 4ac)/2a
जहाँ, x = चर
a, b, c = द्विघात समीकरण के गुणांक

श्रीधराचार्य सूत्र (Shridharacharya Sutra) की व्युत्पत्ति
⇒ यह सूत्र पूर्ण वर्ग विधि से प्राप्त किया जा सकता है।
द्विघात समीकरण का मानक रूप है
ax2 + bx + c = 0
x2 + bx/a + c/a = 0 (1 को x2 के गुणांक के रूप में लेने पर या पूरी समीकरण को x2 के गुणांक (a) से भाग देने पर)
x2 + bx/a = −c/a (अचर पद को दाईं ओर ले जाने पर)
x2 + bx/a + (b/2a)2 = −c/a + (b/2a)2 (x के गुणांक के आधे का वर्ग जोड़ने पर)
(x + b/2a)2 = −c/a + b2/4a2
(x + b/2a)2 = (−c⨯4a + b2⨯1)/4a2 = (−4ac + b2)/4a2
दोनों तरफ वर्गमूल लेने पर,
√(x + b/2a)2 = √(−4ac + b2)/4a2
x + b/2a = ±√(b2 − 4ac)/2a
x = −b/2a ± √(b2 − 4ac)/2a
x = −b ± √(b2 − 4ac)/2a
यहाँ ± चिह्न, x के दो मान दर्शाता है।
x = −b + √(b2 − 4ac)/2a x = −b − √(b2 − 4ac)/2a
x के उपरोक्त मान श्रीधराचार्य सूत्र है।
उदाहरण – श्रीधराचार्य सूत्र द्वारा द्विघात समीकरण 9x2 + 7x – 2 = 0 को हल कीजिये।
हल – दिया गया समीकरण 9x2 + 7x – 2 = 0
मानक रूप ax2 + bx + c = 0 के साथ तुलना करने पर,
इसलिए, a = 9, b = 7, c = – 2
श्रीधराचार्य सूत्र द्वारा, x = −b ± √(b2 − 4ac)/2a
a, b, c के मान रखने पर,
x = −7 ± √{72 − 4⨯9⨯(-2)}/2⨯9
x = −7 ± √{49 + 72}/18
x = −7 ± √{121}/18 = −7 ± 11/18
(+) चिह्न लेने पर,
x = −7 + 11/18
x = 4/18
x = 2/9
(−) चिह्न लेने पर,
x = −7 − 11/18
x = −18/18
x = −1
x के ये मान दिए गए द्विघात समीकरण के मूल हैं। उत्तर
विविक्तकर और मूलों की प्रकृति
हम श्रीधराचार्य सूत्र में प्रयुक्त पद b2 – 4ac से मूलों की प्रकृति का पता लगा सकते हैं जिसे विविक्तकर (Discriminant) कहा जाता है। इसे D द्वारा निरूपित किया जाता है।
D = b2 – 4ac
⇒ यदि D > 0 है तो मूल भिन्न और वास्तविक होंगे।
x = (−b + √D)/2a और x = (−b − √D)/2a
⇒ यदि D = 0 है तो मूल बराबर और वास्तविक होंगे।
x = −b/2a और x = −b/2a
⇒ यदि D < 0 है तो मूल वास्तविक नहीं होंगे, काल्पनिक होंगे।
कुछ उदाहरण
उदाहरण – 1) समीकरण 2x2 – 6x + 3 = 0 के मूलों की प्रकृति ज्ञात कीजिए और यदि मूल मौजूद हैं तो उन्हें ज्ञात कीजिए।
हल – दिया हुआ समीकरण 2x2 – 6x + 3 = 0
समीकरण की तुलना ax2 + bx + c = 0 से करने पर,
यहाँ, a = 2, b = – 6, c = 3
अब D = b2 – 4ac
D = (-6)2 – 4⨯2⨯3 = 36 – 24 = 12
∵ D > 0
∴ समीकरण 2x2 – 6x + 3 = 0 के मूल भिन्न और वास्तविक होंगे।
श्रीधराचार्य सूत्र द्वारा, x = (−b ± √D)/2a जहाँ, D = b2 – 4ac
x = {−(-6) ± √12)}/2⨯2 = {6 ± √(4⨯3)}/4
x = {6 ± 2√3}/4 = 2{3 ± √3}/4 = {3 ± √3}/2
इसलिए, मूल x = (3 + √3)/2 और x = (3 − √3)/2 है। उत्तर
उदाहरण – 2) समीकरण x2 – 4x + 4 = 0 के मूलों की प्रकृति ज्ञात कीजिए और यदि मूल मौजूद हैं तो उन्हें ज्ञात कीजिए।
हल – दिया हुआ समीकरण x2 – 4x + 4 = 0
ax2 + bx + c = 0 से तुलना करने पर,
a = 1, b = – 4, c = 4
अब D = b2 – 4ac
D = (-4)2 – 4⨯1⨯4 = 16 – 16 = 0
∵ D = 0
∴ समीकरण x2 – 4x + 4 = 0 के मूल बराबर और वास्तविक होंगे।
द्विघाती सूत्र द्वारा, x = (−b ± √D)/2a जहाँ, D = b2 – 4ac
x = {−(-4) ± √0)/2⨯1 = (4 ± 0)/2 = 4/2
x = 2
अत: मूल x = 2 और x = 2 है। उत्तर
उदाहरण – 3) समीकरण 2x2 + 3x + 5 = 0 के मूलों की प्रकृति ज्ञात कीजिए और यदि मूल मौजूद हैं तो उन्हें ज्ञात कीजिए।
हल – दिया हुआ समीकरण 2x2 + 3x + 5 = 0
ax2 + bx + c = 0 से तुलना करने पर,
a = 2, b = 3, c = 5
अब D = b2 – 4ac
D = (3)2 – 4⨯2⨯5 = 9 – 40 = – 31
∵ D < 0
∴ समीकरण 2x2 + 3x + 5 = 0 के मूल वास्तविक नहीं होंगे। ये काल्पनिक होंगे। उत्तर
श्रीधराचार्य द्विघाती सूत्र द्वारा, x = (−b ± √D)/2a जहाँ, D = b2 – 4ac
x = (−3 ± √-31)/2⨯2 = (−3 ± √−1⨯31)/4
x = (−3 ± √−1⨯√31)/4 = (−3 ± √31i )/4
इसलिए, मूल x = (−3 + √31i )/4 और x = (−3 − √31i )/4 होंगे। जहाँ, i(आयोटा) = √−1
द्विघाती सूत्र (श्रीधराचार्य सूत्र)(Shridharacharya Sutra) कक्षा 10 अँग्रेजी में
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