एक वृत्त के एकान्तर खंड के कोण कक्षा 10 (Angles of Alternate Segment of Circle Class 10th)

Ek Vrit Ke Ekantar Khand Ke Kon

परिचय

एक वृत्त में, यदि एक स्पर्शरेखा खींची जाती है तो स्पर्श बिंदु पर हम एक जीवा खींचते हैं। यह जीवा वृत्त को दो वृत्तखंडों में विभाजित करती है तो जीवा द्वारा स्पर्शरेखा के साथ बनाया गया कोण जीवा द्वारा एकान्तर खंड में बने कोण के बराबर होगा। ये एक वृत्त के एकान्तर खंड के कोण (Angles of Alternate Segment of Circle) कहलाते है।

एक वृत्त के एकान्तर खंड के कोण (ANGLES OF ALTERNATE SEGMENT OF CIRCLE)

उपरोक्त आकृति में, बिंदु A पर स्पर्श रेखा PQ खींची गई है। AB और AC उभयनिष्ठ बिंदु A से खींची गई जीवाए हैं। दोनों जीवाए वृत्त को दो वृत्तखंडों में विभाजित करती हैं। जीवा AB के लिए वृत्तखंड AB और ACB हैं और जीवा AC के लिए वृत्तखंड AC और ABC हैं।

वृत्तखंड AB में जीवा AB द्वारा स्पर्शरेखा PQ के साथ बनाया गया कोण ∠PAB, कोण ∠ACB के बराबर है। जो जीवा AB द्वारा एकान्तर वृत्तखंड ACB में बना है।

इसी तरह, वृत्तखंड AC में जीवा AC द्वारा स्पर्शरेखा PQ के साथ बनाया गया कोण ∠QAC, कोण ∠ABC के बराबर होगा। जो जीवा AC द्वारा एकान्तर खंड ABC में बना है।

इसे समझने के लिए एक प्रमेय है।

प्रमेय की उत्पत्ति और व्याख्या

प्रमेय – 1) यदि एक जीवा वृत्त की एक स्पर्शरेखा के स्पर्श बिंदु से खींची गई है तो इस जीवा द्वारा स्पर्शरेखा के साथ बनाये गये कोण वृत्तखंड द्वारा इस जीवा के साथ बनाये गए संगत एकान्तर कोण के बराबर होते है।

एक वृत्त के एकान्तर खंड के कोण (ANGLES OF ALTERNATE SEGMENT OF CIRCLE)

दिया गया है – AB बिंदु P पर स्पर्शरेखा है, जीवा PR इस स्पर्श रेखा के साथ क्रमशः कोण ∠1 और ∠2 बनाती है। ∠1 और ∠2 के एकान्तर कोण क्रमशः ∠3 और ∠4 हैं जो कि एकान्तर वृत्तखंडों में बिंदु S और Q पर बने हैं।

सिद्ध करना है कि – ∠1 = ∠3 और ∠2 = ∠4

रचना – व्यास POT खींचा और TR को मिलाया।

उपपत्ति – △PRT में, ∠PRT = 90° [व्यास द्वारा अर्धवृत्त में बनाया गया कोण]

∴ ∠PTR + ∠RPT = 90°  [समकोण त्रिभुज के शेष दो कोणों का योग] ————(1)

∵ ∠APT = 90° [त्रिज्या स्पर्शरेखा के लंबवत होती है]

∴ ∠RPT + ∠2 = 90° [त्रिज्या स्पर्शरेखा के लंबवत होती है] ————–(2)

समीकरण (1) और (2) से,

∠PTR + ∠RPT = ∠RPT + ∠2

∠PTR = ∠2 —————(3)

 ∠PTR = ∠4 [एक ही वृत्तखंड में बने कोण बराबर होते हैं] ————–(4)

समीकरण (3) और (4) से,

∠2 = ∠4       —————(5)

∠1 + ∠2 = 180° [रैखिक कोण युग्म द्वारा] ——————(6)

∠3 + ∠4 = 180° [चक्रीय चतुर्भुज में सम्मुख कोण संपूरक होते हैं] ————-(7)                             

समीकरण (6) और (7) से,

∠1 + ∠2 = ∠3 + ∠4

∠2 = ∠4 [समीकरण (5) से]

इसलिए,       ∠1 = ∠3           इति सिद्धम

प्रमेय का विलोम

प्रमेय 2) यदि किसी वृत्त के एक जीवा के एक छोर पर इस तरह रेखा खींची जाती है कि जीवा के साथ बने कोण, वृत्तखंड में जीवा द्वारा बनाए गए एकान्तर कोण के बराबर होते हैं तो यह रेखा वृत्त की स्पर्शरेखा होती है।

एक वृत्त के एकान्तर खंड के कोण (ANGLES OF ALTERNATE SEGMENT OF CIRCLE)

दिया गया है – PQ एक वृत्त की जीवा है और बिंदु P पर, रेखा APB खींची गई है और ∠QPB = ∠PRQ

सिद्ध करना है कि APB एक स्पर्शरेखा है।

उपपत्ति माना APB के बजाय, A`PB` बिंदु P पर स्पर्शरेखा है।

तब   ∠QPB` = ∠PRQ ————-(1)

∠QPB = ∠PRQ [दिया गया है] ————(2)

समीकरण (1) और (2) से,

∠QPB` = ∠QPB ————(3)

आकृति से, ∠QPB` = ∠QPB + ∠BPB` ————-(4)

समीकरण (3) और (4) से,

∠QPB = ∠QPB + ∠BPB`

उपरोक्त समीकरण से, हम कह सकते हैं कि ∠BPB` लगभग शून्य के बराबर है

इसलिए,  ∠BPB` = 0

यह दर्शाता है कि APB और A`PB` एक दूसरे के साथ सम्पाती हैं।

इसका मतलब है कि रेखा APB बिंदु P पर वृत्त की स्पर्शरेखा है।              इति सिद्धम

कुछ उदाहरण

उदाहरण 1) आकृति में, PQ और RS क्रमशः बिंदुओ A और C पर दो स्पर्शरेखाये हैं यदि ∠ABC = 70° और ∠BAQ = 50° हैं तो ∠BCR ज्ञात कीजिये।

हल – स्पर्शरेखा PQ जीवा AB के बिंदु A पर खींची गयी है तो एकान्तर वृत्तखंड कोण प्रमेय द्वारा,

∠BAQ = ∠ACB = 50°

इसी तरह, स्पर्शरेखा RS जीवा AC के बिंदु C पर खींची गयी है

इसलिए,  ∠ABC = ∠ACR = 70° 

चूंकि  ∠BCR = ∠ACB + ∠ACR

∠BCR = 50° + 70° 

∠BCR = 120°                उत्तर

उदाहरण 2) दी गई आकृति में, AB एक वृत्त की स्पर्शरेखा है जिसका केंद्र O है जो बिंदु C पर वृत्त को स्पर्श करती है यदि ∠ECB = 30° है तो ∠DOC और ∠CEO ज्ञात करो।

एक वृत्त के एकान्तर खंड के कोण (ANGLES OF ALTERNATE SEGMENT OF CIRCLE)

हल – ∠ECB = 30° [दिया गया है]

∠ECB = ∠CDE = 30° [जीवा CE के लिए एकान्तर वृत्तखंड कोण प्रमेय द्वारा]

∠COE = 2∠CDE [केंद्र पर बना कोण वृत्त पर बने कोण से दोगुना होता है]

∴ ∠COE = 2⨯30° = 60°   —————(1)

अब ∠DOC = 180° – ∠COE [रैखिक कोण युग्म द्वारा]

∠DOC = 180° – 60°  [समीकरण (1) के अनुसार]

∠DOC = 120°    

∠OCB = 90°  [त्रिज्या स्पर्श रेखा पर लंबवत होती है]

∵ ∠ECB = 30°

∴ ∠OCE = ∠OCB – ∠ECB

∠OCE = 90° – 30°

∠OCE = 60° ————–(2)

△OCE में, ∠OCE + ∠CEO + ∠COE = 180° [त्रिभुज के तीनो कोणों का योग 180° होता है]

60° + ∠CEO + 60° = 180°

∠CEO = 180° – 120°

∠CEO = 60°                  उत्तर

उदाहरण 3) आकृति में, ∠QPR = 70° और ∠PRQ = 30° तब ∠QRA और ∠PRB का मान ज्ञात करो।

हल – ∠QPR = 70° और ∠PRQ = 30° [दिया गया है]

∠QPR = ∠QRA = 70° [जीवा QR के लिए एकान्तर वृत्तखंड कोण प्रमेय द्वारा]

∴ ∠QRA = 70°

अब ∠PRB = 180° – (∠QRA + ∠PRQ) [एक सीधी रेखा पर कोणों का योग 180° होता है]

∠PRB = 180° – (70° + 30°)

∠PRB = 180° – (100°)

∠PRB = 80°           उत्तर

वृत्त के एकान्तर खंड के कोण (Angles of Alternate Segment of Circle) कक्षा 10 अँग्रेजी में

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