त्रिकोणमिति कक्षा 10 (The Trigonometry Class 10th)

Trikonamiti

परिचय

त्रिकोणमिति (The Trigonometry) गणित की एक बहुत ही महत्वपूर्ण और दिलचस्प शाखा है। अंग्रेजी भाषा के शब्द trigonometry की उत्पत्ति ग्रीक शब्दो ‘tri’ (मतलब तीन), ‘gon’ (मतलब भुजा) और ‘metron’ (मतलब माप) से हुई है। यह भी कहा जाता है कि अंग्रेजी भाषा का शब्द trigonometry संस्कृत भाषा के शब्द ‘त्रिकोणमिति’ से लिया गया है। त्रिकोणमिति (The Trigonometry) समकोण त्रिभुज की भुजाओं और कोणों के बीच संबंधों का अध्ययन है। त्रिकोणमिति में समकोण त्रिभुज का उपयोग भुजाओं और कोणों को ज्ञात करने के लिए किया जाता है।

त्रिकोणमिति (THE TRIGONOMETRY)

त्रिकोणमितीय फलन

सामान्यतया, छह त्रिकोणमितीय फलन होते हैं। वे sine, cosine, tangent, cosecant, secant and cotangent हैं। sine, cosine, tangent मुख्य त्रिकोणमितीय फलन हैं और cosecant, secant and cotangent इन मुख्य फलनों के विलोम हैं।

इन त्रिकोणमितीय फलनों का उपयोग समकोण त्रिभुज में कोणों के साथ किया जाता है, इसलिए इनका उपयोग इस तरह किया जाता है

sin ϴ, cos ϴ, tan ϴ, cosec ϴ, sec ϴ and cot ϴ

न्यून कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात

समकोण त्रिभुज में, किन्हीं दो भुजाओं के अनुपात को त्रिकोणमितीय अनुपात के रूप में जाना जाता है। प्रत्येक त्रिकोणमितीय फलन का एक अलग अनुपात होता है।

त्रिकोणमिति (THE TRIGONOMETRY)

आधार – कोण ∠C की संलग्न भुजा

लंब – कोण ∠C की सम्मुख  भुजा

कर्ण – कोण ∠B (समकोण) की सम्मुख  भुजा

उपरोक्त समकोण त्रिभुज में ∠B एक समकोण है और ∠A और ∠C दो न्यून कोण हैं। दोनों न्यून कोणों के लिए त्रिकोणमितीय अनुपात ज्ञात किये जा सकते हैं।

न्यून कोण ∠C के त्रिकोणमितीय अनुपात

माना ∠C = ϴ

1) sin ϴ = लम्ब/कर्ण = AB/AC  

2) cos ϴ = आधार/कर्ण = BC/AC  

3) tan ϴ = लम्ब/आधार = AB/BC                          

4) cosec ϴ = कर्ण/लम्ब = AC/AB  

5) sec ϴ = कर्ण/आधार = AC/BC  

6) cot ϴ = आधार/लम्ब = BC/AB

हम न्यून कोण A के लिए भी सभी त्रिकोणमितीय अनुपात ज्ञात कर सकते हैं। न्यून कोण A के लिए आधार (∠A की संलग्न भुजा) AB होगा और लम्ब (∠A की सम्मुख भुजा) BC होगा। कर्ण AC ही रहेगा।

नोट – 1) त्रिकोणमितीय अनुपात न्यून कोण ϴ पर निर्भर करता है, न कि समकोण त्रिभुज के आकार पर।

2) त्रिकोणमितीय अनुपात प्रत्येक न्यून कोण ϴ के लिए अद्वितीय होते हैं।

3) sin ϴ ≠ sin⨯ϴ , cos ϴ ≠ cos⨯ϴ, tan ϴ ≠ tan⨯ϴ

    यह त्रिकोणमितीय फलन और न्यून कोण के बीच गुणा नहीं है।     

4) किसी भी धनात्मक न्यून कोण के त्रिकोणमितीय अनुपात हमेशा धनात्मक होते हैं।

उदाहरण – 1) △ABC में, ∠C एक समकोण है। भुजा AB = 5 सेमी और BC = 4 सेमी है तो कोण A के सभी त्रिकोणमितीय अनुपात ज्ञात कीजिए।

हल –

∵ △ABC एक समकोण त्रिभुज है।

पाइथागोरस प्रमेय द्वारा,

AC2 = AB2 – BC2

AC = √(5)2 – (4)2

AC = √(25-16) = √9 = 3 सेमी

अब,

sin A = BC/AB = 4/5cosec A = AB/BC = 5/4 (sin A का व्युत्क्रम)
cos A = AC/AB = 3/5sec A = AB/AC = 5/3 (cos A का व्युत्क्रम)
tan A = BC/AC = 4/3cot A = AC/BC = 3/4 (tan A का व्युत्क्रम)

उदाहरण – 2) यदि sin ϴ = 24/25 है, तो कोण ϴ के लिए शेष त्रिकोणमितीय अनुपात ज्ञात कीजिये।

हल – sin ϴ = 24/25 = लम्ब/कर्ण

यदि हम △ABC को sin ϴ = 24/25 के लिए खींचते हैं

लम्ब = AB और कर्ण = AC

माना AB = 24k, AC = 25k

त्रिकोणमिति (THE TRIGONOMETRY)

जहाँ k = समानुपातिकता स्थिरांक                

पाइथागोरस प्रमेय द्वारा △ABC में,

BC = √(AC)2 – (AB)2                 

BC = √(25k)2 – (24k)2                              

BC = √625k2 – 576k2                      

BC = √49k2 

BC = ±7k

चूंकि कोण ϴ एक धनात्मक न्यून कोण है इसलिए BC धनात्मक होगा।

अब cos ϴ = 7k/25k = 7/25

tan ϴ = 24k/7k = 24/7

cosec ϴ = 25k/24k = 25/24

sec ϴ = 25k/7k = 25/7

cot ϴ = 7k/24k = 7/24

त्रिकोणमितीय अनुपातों के बीच सम्बन्ध

हम जानते हैं कि sin ϴ, cos ϴ और tan ϴ का विलोम क्रमशः cosec ϴ, sec ϴ और cot ϴ होता है। इसलिए कुछ सूत्र यहां दिए गए हैं जो इनके बीच के संबंध को दर्शाते है।

यदि हम △PQR मान ले,

sin ϴ = PQ/PR    और cosec ϴ = PR/PQ

sin ϴ⨯cosec ϴ = (PQ/PR)⨯(PR/PQ)

sin ϴ⨯cosec ϴ = 1

इसीतरह,

1) sin ϴ×cosec ϴ = 1  ⇒   sin ϴ = 1/cosec ϴ और     cosec ϴ = 1/sin ϴ 

2) cos ϴ×sec ϴ = 1   ⇒     cos ϴ = 1/sec ϴ     और     sec ϴ = 1/cos ϴ 

3) tan ϴ×cot ϴ = 1   ⇒    tan ϴ = 1/cot ϴ     और     cot ϴ = 1/ tan ϴ 

4) tan ϴ = sin ϴ/cos ϴ

∵ sin ϴ = PQ/PR         और          cos ϴ = QR/PR

अब sin ϴ/cos ϴ = (PQ/PR) ∕ (QR/PR) = (PQ/PR)×(PR/QR) = PQ/QR = लम्ब/आधार = tan ϴ

इसीतरह,

5) cot ϴ = cos ϴ/sin ϴ

त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ

(1) sin2 ϴ + cos2 ϴ = 1

∵ sin ϴ = PQ/PR      और      cos ϴ = QR/PR [ऊपर दी गई आकृति △PQR से]

बायाँ पक्ष       

sin2 ϴ + cos2 ϴ

(PQ/PR)2 + (QR/PR)2 

PQ2/PR2 + QR2/PR2

(PQ2 + QR2)/PR2

PR2/PR2  = 1 = दायाँ पक्ष          (पाइथागोरस प्रमेय द्वारा PR2 = PQ2 + QR2)

(2) 1 + tan2 ϴ = sec2 ϴ

∵ tan ϴ = PQ/QR   [ऊपर दी गई आकृति △PQR से]

बायाँ पक्ष

1 + tan2 ϴ

1 + (PQ/QR)2

(1 + PQ2)/QR2

(QR2 + PQ2)/QR2 

PR2/QR2 = (PR/QR)2 = sec2 ϴ = दायाँ पक्ष  

वैकल्पिक विधि –

हम जानते है कि,  sin2 ϴ + cos2 ϴ = 1

दोनों तरफ cos2 ϴ से भाग देने पर,

(sin2 ϴ/cos2 ϴ) + (cos2 ϴ/cos2 ϴ) = 1/cos2 ϴ               (∵ tan ϴ = sin ϴ/cos ϴ)

tan2 ϴ + 1 = sec2 ϴ   

(3) 1 + cot2 ϴ = cosec2 ϴ

∵ cot ϴ = QR/PQ [ऊपर दी गई आकृति △PQR से]

बायाँ पक्ष     

1 + cot2 ϴ

1 + (QR/PQ)2

(1 + QR2)/PQ2 

(PQ2 + QR2)/PQ2 

PR2/PQ2 = (PR/PQ)2 = cosec2 ϴ = दायाँ पक्ष   

वैकल्पिक विधि –

हम जानते है कि,  sin2 ϴ + cos2 ϴ = 1

दोनों तरफ sin2 ϴ से भाग देने पर,

(sin2 ϴ/sin2 ϴ) + (cos2 ϴ/sin2 ϴ) = 1/sin2 ϴ            (∵ cot ϴ = cos ϴ/sin ϴ)  

1 + cot2 ϴ  = cosec2 ϴ

नोट  – 1) (sin ϴ)2 = sin2 ϴ ≠ sin ϴ2

इसका मतलब है (sin ϴ)2 को sin2 ϴ के रूप में लिखा जा सकता है लेकिन sin ϴ2 के रूप में नहीं लिखा जा सकता है। यह अन्य त्रिकोणमितीय फलनों के लिए भी लागू होता है।

2) त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ निम्न रूप में लिखी जा सकती है।

sin2 ϴ + cos2 ϴ = 11 + tan2 ϴ = sec2 ϴ1 + cot2 ϴ  = cosec2 ϴ
sin2 ϴ = 1 – cos2 ϴsec2 ϴ – tan2 ϴ = 1cosec2 ϴ – cot2 ϴ = 1
cos2 ϴ = 1 – sin2 ϴtan2 ϴ = sec2 ϴ – 1cot2 ϴ = cosec2 ϴ – 1

उदाहरण – यदि sin ϴ = 5/13 है, तो त्रिकोणमितीय अनुपातों के बीच संबंध का उपयोग करते हुए सभी त्रिकोणमितीय फलन ज्ञात कीजिये, जहाँ ϴ एक न्यून कोण है।

हल – यहाँ sin ϴ = 5/13    

हम जानते हैं कि   sin2 ϴ + cos2 ϴ = 1

(5/13)2 + cos2 ϴ = 1

cos2 ϴ = 1 – (25/169)

cos ϴ = √(169-25)/169 = √(144/169) = 12/13 

∵ sec ϴ = 1/cos ϴ  

sec ϴ = 1 ∕ 12/13 = 13/12  

∵ cosec ϴ = 1/sin ϴ = 1 ∕ 5/13 = 13/5  

∵ 1 + cot2 ϴ = cosec2 ϴ

cot2 ϴ = cosec2 ϴ – 1

cot ϴ = √(13/5)2 – 1= √169/25 – 1 = √(169-25)/25 = √(144/25) = 12/5  

∵ tan ϴ = 1/cot ϴ

tan ϴ = 1 ∕ 12/5 = 5/12   

त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाओं पर आधारित उदाहरण

उदाहरण 1) सिद्ध कीजिए tan ϴ + cot ϴ = sec ϴ×cosec ϴ

हल – tan ϴ + cot ϴ = sec ϴ×cosec ϴ

बायाँ पक्ष     tan ϴ + cot ϴ

sin ϴ/cos ϴ + cos ϴ/sin ϴ

(sin ϴ⨯sin ϴ + cos ϴ⨯cos ϴ)/cos ϴ⨯sin ϴ

(sin2 ϴ + cos2 ϴ)/cos ϴ⨯sin ϴ {∵ sin2 ϴ + cos2 ϴ = 1}

(1/cos ϴ)⨯sin ϴ = sec ϴ × cosec ϴ = दायाँ पक्ष

उदाहरण 2) सिद्ध कीजिए (1 + cot2 ϴ)(1 + cos ϴ)(1 – cos ϴ) = 1

हल – (1 + cot2 ϴ)(1 + cos ϴ)(1 – cos ϴ) = 1

बायाँ पक्ष     (1 + cot2 ϴ)(1 + cos ϴ)(1 – cos ϴ) {∵ 1 + cot2 ϴ = cosec2 ϴ}

(cosec2 ϴ)(1 – cos2ϴ)              {(a+b)(a-b) = a2 – b2}

cosec2 ϴ×sin2 ϴ {∵ 1 – cos2 ϴ = sin2 ϴ}

(1/sin2ϴ)×sin2ϴ                       {cosec ϴ = 1/sin2ϴ}

1 = दायाँ पक्ष

कुछ विशिष्ट कोणों के लिए त्रिकोणमितीय अनुपात

सभी त्रिकोणमितीय अनुपातों के लिए हम कुछ विशिष्ट कोणों 0°, 30°, 45°, 60°, और 90° के लिए इनके मान ज्ञात करेंगे।

कोण 0° के लिए त्रिकोणमितीय अनुपात

माना △ABC एक समकोण त्रिभुज है जिसमें ∠B समकोण है और ∠C एक न्यून कोण ϴ है। यदि कोण ϴ = 0° हो जाता है तो रेखाखण्ड AC (कर्ण) रेखाखण्ड BC (आधार) के साथ सम्पाती हो जाएगा और रेखाखण्ड AB (लम्ब) 0 हो जाएगा। इसका मतलब AB = 0 और AC = BC होगा।

इस प्रकार कोण 0° के लिए त्रिकोणमितीय अनुपातो के मान

sin 0° = AB/AC = 0/AC = 0cosec 0° = AC/AB = AC/0 = ∞ (अनंत)
cos 0° = BC/AC = BC/BC = 1sec 0° = AC/BC = BC/BC = 1
tan 0° = AB/BC = 0/BC = 0cot 0° = BC/AB = BC/0 = ∞ (अनंत)

कोण 30° और 60° के लिए त्रिकोणमितीय अनुपात

माना △ABC एक समबाहु त्रिभुज है जिसकी प्रत्येक भुजा 2a है। इसलिए AB = BC = CA = 2a और ∠A = ∠B = ∠C = 60° होंगे। AD, शीर्ष A से भुजा BC पर लंब है (AD⊥BC)।

त्रिकोणमिति (THE TRIGONOMETRY)

△ABD और △ACD में,

∠ADB = ∠ADC = 90°

AB = AC = 2a

AD = AD (उभयनिष्ठ भुजा)

RHS नियम से, △ABD ≅ △ACD

इसलिए, BD = CD = a और ∠BAD = ∠CAD = 30° (CPCT द्वारा)                       

समकोण त्रिभुज △ABD में,

AB = 2a, BD = a

AD2 = AB2 – BD2 (पाइथागोरस प्रमेय द्वारा)                         

AD2 = (2a)2 – (a)2 = 4a2 – a2

AD2 = 3a2

AD = √3a2 

AD = a√3

कोण 30° के लिए त्रिकोणमितीय अनुपात
sin 30° = BD/AB = a/2a = 1/2cosec 30° = AB/BD = 2a/a = 2
cos 30° = AD/AB = a√3/2a = √3/2sec 30° = AB/AD = 2a/a√3 = 2/√3
tan 30° = BD/AD = a/a√3 = 1/√3cot 30° = AD/BD = a√3/a = √3
अब कोण 60° के लिए त्रिकोणमितीय अनुपात
sin 60° = AD/AB = a√3/2a = √3/2cosec 60° = AB/AD = 2a/a√3 = 2/√3
cos 60° = BD/AB = a/2a = 1/2sec 60° = AB/BD = 2a/a = 2
tan 60° = AD/BD = a√3/a = √3cot 60° = BD/AD = a/a√3 = 1/√3

कोण 45° के लिए त्रिकोणमितीय अनुपात  

माना △ABC एक समकोण त्रिभुज है। जिसमें ∠B समकोण और ∠C = 45° है।

अब ∠A + ∠B + ∠C = 180°

∠A + 90° + 45° = 180°

∠A = 180° – 135°

∠A = 45° 

चूँकि ∠A = ∠C

इसलिए, AB = BC (समान कोणों की सम्मुख भुजाएँ समान होती हैं)

माना AB = BC = a

तब AC2 = AB2 + BC2 (पाइथागोरस प्रमेय द्वारा)

AC2 = (a)2 + (a)2 = a2 + a2

AC2 = 2a2

AC = √2a2 = a√2

इस प्रकार कोण 45° के लिए त्रिकोणमितीय अनुपातो के मान

sin 45° = AB/AC = a/a√2 = 1/√2cosec 45° = AC/AB = a√2/a = √2
cos 45° = BC/AC = a/a√2 = 1/√2sec 45° = AC/BC = a√2/a = √2
tan 45° = AB/BC = a/a = 1cot 45° = BC/AB = a/a = 1

कोण 90° के लिए त्रिकोणमितीय अनुपात

माना △ABC एक समकोण त्रिभुज है जिसमें ∠B समकोण है और ∠C एक न्यून कोण ϴ है। यदि कोण ϴ, 90° हो जाता है तो रेखाखण्ड AC (कर्ण) रेखाखण्ड AB (लम्ब) के साथ सम्पाती हो जाएगा और रेखाखण्ड BC (आधार) 0 हो जाएगा। इसका मतलब BC = 0 और AC = AB होगा।

इस प्रकार कोण 90° के लिए त्रिकोणमितीय अनुपातो के मान

sin 90° = AB/AC = AB/AB = 1cosec 90° = AC/AB = AB/AB = 1
cos 90° = BC/AC = 0/AC = 0sec 90° = AC/BC = AC/0 = ∞ (अनंत)
tan 90° = AB/BC = AB/0 = ∞ (अनंत)cot 90° = BC/AB = 0/AB = 0

उपरोक्त सभी मानो से यदि हम एक तालिका बनाते हैं तो इन सभी मानो को आसानी से याद किया जा सकता है।

त्रिकोणमितीय अनुपात∖कोण (ϴ) (डिग्री में)
30°45°60°  90°
sin ϴ0½1/√2√3/21
cos ϴ  1√3/21/√2½0
tan ϴ  01/√31√3
cosec ϴ  2√22/√31
sec ϴ 12/√3√22
cot ϴ  √311/√30

तालिका को जल्दी याद करने के लिए चरण

1) सबसे पहले हमें कोण 0°, 30°, 45°, 60° और 90° के लिए क्रमशः 0, 1, 2, 3, और 4 संख्याएँ लिखनी है।

2) उसके बाद हम प्रत्येक संख्या को 4 से विभाजित करेंगे।

0/4 = 0 1/4 2/4 = 1/2 3/4 4/4 = 1

3) अब हमारे पास संख्याएँ 0, 1/4, 1/2, 3/4, और 1 है। हम इन संख्याओं का वर्गमूल लेंगे।

√0 = 0 √1/4 = 1/2 √1/2 = 1/√2 √3/4 = √3/2 √1 = 1

ये मान sin ϴ के लिए हैं।

4) इन मानों को उल्टे क्रम में लिखने से हमें cos ϴ के मान मिलेंगे।

उल्टा क्रम → 1 √3/2 1/√2 1/2 0

5) tan ϴ के लिए, हम sin ϴ के मानों को cos ϴ के मानों से विभाजित करेंगे क्योंकि tan ϴ = sin ϴ/cos ϴ

0/1 = 0 1/2 ∕ √3/2 = 1/√3 1/√2 ∕ 1/√2 = 1 √3/2 ∕ 1/2 = √3 1/0 = (अनंत)

6) अब हम cosec ϴ के मान प्राप्त करने के लिए sin ϴ के मानों का व्युत्क्रम लेंगे। क्योंकि cosec ϴ = 1/sin ϴ

व्युत्क्रम → 1/0 = (अनंत) 1 ∕ 1/2 = 2 1 ∕ 1/√2 = √2 1 ∕ √3/2 = 2/√3 1/1 = 1

7) sec ϴ के लिए, हम cosec ϴ के मान उल्टे क्रम में लिखेंगे।

उल्टा क्रम → 1 2/√3 √2 2 (अनंत)

8) cot ϴ के लिए, हम tan ϴ के मानों का व्युत्क्रम लेंगे क्योंकि cot ϴ = 1/tan ϴ है।

व्युत्क्रम → 1/0 = (अनंत) 1 ∕ 1/√3 = √3 1/1 = 1 1/√3 0/1 = 0

उदाहरण 1) sin 60° cos 30° – sin 30° cos 60° का मान ज्ञात कीजिये।

हल – sin 60° cos 30° – sin 30° cos 60°

(√3/2)⨯(√3/2) – (1/2)⨯(1/2) = 3/4 – 1/4 = (3-1)/4 = 2/4 = 1/2 उत्तर

उदाहरण 2) tan2 45° + sin2 30° – cos2 60° का मान ज्ञात करें।

हल – tan2 45° + sin2 30° – cos2 60°

(1)2 + (1/2)2 – (1/2)2 = 1 + 1/4 – 1/4 = 1 उत्तर

पूरक कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात

जब दो कोणों का योग 90° होता है तो उन्हें पूरक कोण कहा जाता है। यदि कोई न्यून कोण A है तो उसका पूरक कोण (90° – A) होगा।

माना △PQR एक समकोण त्रिभुज है जिसमें ∠Q समकोण है और ∠R न्यून कोण है।

तो   ∠P + ∠R = 90°

∠P + ϴ = 90°

∠P = (90° – ϴ)  

इसलिए ∠P और ∠R पूरक कोण हैं।

त्रिकोणमिति (THE TRIGONOMETRY)

अब कोण ϴ के ​​लिए त्रिकोणमितीय अनुपात

sin ϴ = PQ/PR                 cos ϴ = QR/PR             tan ϴ = PQ/QR                 

cosec ϴ = PR/PQ             sec ϴ = PR/QR            cot ϴ = QR/PQ …………….(1)

कोण (90° – ϴ) के लिए त्रिकोणमितीय अनुपात 

sin (90° – ϴ) = QR/PR              cos (90° – ϴ) = PQ/PR            tan (90° – ϴ) = QR/PQ               

cosec (90° – ϴ) = PR/QR          sec (90° – ϴ) = PR/PQ            cot (90° – ϴ) = PQ/QR …………..(2)

समीकरण (1) और (2) की तुलना करने पर,

sin (90° – ϴ) = QR/PR = cos ϴ             cos (90° – ϴ) = PQ/PR = sin ϴ     

tan (90° – ϴ) = QR/PQ = cot ϴ                 cot (90° – ϴ) = PQ/QR = tan ϴ

cosec (90° – ϴ) = PR/QR = sec ϴ              sec (90° – ϴ) = PR/PQ = cosec ϴ

इसलिए,

sin (90° – ϴ) = cos ϴcos (90° – ϴ) = sin ϴ
tan (90° – ϴ) = cot ϴcot (90° – ϴ) = tan ϴ
cosec (90° – ϴ) = sec ϴsec (90° – ϴ) = cosec ϴ

नोट – इसका मतलब है कि sin और cos, tan और cot, cosec और sec पूरक कोणों के लिए समान हैं।

कुछ उदाहरण

उदाहरण – 1) हल कीजिये sin 35°/cos 55°

हल – 55° = 90° – 35°

∴ cos 55° = cos(90° – 35°)                    [∵ cos (90° – ϴ) = sin ϴ]

cos 55° = sin 35°

इसलिए,  sin 35°/sin 35° = 1        उत्तर    

उदाहरण – 2) हल कीजिये cos2 50° + cos2 40°

हल – 50° = 90° – 40°

∴ cos 50° = cos (90° – 40°) = sin 40°

और cos2 50° = sin2 40°

इसलिए,    cos2 50° + cos2 40°       

sin2 40° + cos2 40° = 1        [∵ sin2 ϴ + cos2 ϴ = 1] उत्तर

उदाहरण – 3) सिद्ध कीजिए tan 25° tan 55° tan 65° tan 35° = 1

हल – बायाँ पक्ष  = tan 25° tan 55° tan 65° tan 35°

= tan (90° – 65°) tan (90° – 35°) tan 65° tan 35°

= cot 65° cot 35° tan 65° tan 35°

= 1/(tan 65° tan 35°) × tan 65° tan 35°

= 1

= दायाँ पक्ष

त्रिकोणमिति (The Trigonometry) के अनुप्रयोग

त्रिकोणमिति (The Trigonometry) का उपयोग कई अलग-अलग क्षेत्रों में किया जाता है जैसे कि खगोल विज्ञान, पथ प्रदर्शन, सर्वेक्षण, आवधिक कार्य, प्रकाशिकी और ध्वनिकी आदि।

ऊँचाई और दूरी

यहां हम वास्तव में उन्हें मापने के बिना विभिन्न वस्तुओं की ऊंचाइयों और दूरी को ज्ञात करने के लिए त्रिकोणमिति (The Trigonometry) का उपयोग करेंगे।

कुछ महत्वपूर्ण पद

1) दृष्टि रेखा – प्रेक्षक की आँख से वस्तु के बिंदु तक खींची जाने वाली रेखा को दृष्टि रेखा कहा जाता है।

त्रिकोणमिति (THE TRIGONOMETRY)

उपरोक्त आकृति में, प्रेक्षक की आँख बिंदु O पर है और वस्तु बिंदु A पर है तो OA दृष्टि रेखा होगी। OX क्षैतिज रेखा है।

2) उन्नयन कोण – जब वस्तु आँख के ऊपर होती है और हम वस्तु को देखने के लिए अपने सिर को ऊपर उठाते हैं तब दृष्टि रेखा और क्षैतिज रेखा के बीच बने कोण को उन्नयन कोण कहा जाता है। इसे वस्तु की कोणीय ऊंचाई भी कहा जाता है। इस स्थिति में, वस्तु क्षैतिज रेखा के ऊपर होगी।

∠AOX दृष्टि रेखा OA और क्षैतिज रेखा OX के बीच बना कोण है।

इसलिए, उन्नयन कोण = ∠AOX

3) अवनमन कोण – जब वस्तु आँख के नीचे होती है और हम वस्तु को देखने के लिए अपने सिर को नीचे करते हैं तब दृष्टि रेखा और क्षैतिज रेखा के बीच निर्मित कोण को अवनमन कोण कहा जाता है। इस स्थिति में, वस्तु क्षैतिज रेखा से नीचे होगी।

∠BOX दृष्टि रेखा OB और क्षैतिज रेखा OX के बीच बना कोण है।     

इसलिए, अवनमन कोण = ∠BOX

उदाहरण – 1) जमीन पर एक बिंदु से टॉवर के शीर्ष का उन्नयन कोण 45° है और टॉवर के आधार से इस बिंदु की दूरी 60 मीटर है। टॉवर की ऊंचाई ज्ञात कीजिए।

हल –

माना टॉवर AB की ऊंचाई h मीटर है।

दूरी BC = 60 मीटर

उन्नयन कोण ∠ACB = 45°

समकोण त्रिभुज △ABC में,

tan 45° = AB/BC

1 = h/60                                                                                                    

h = 60 मीटर

इसलिए टॉवर AB की ऊंचाई 60 मीटर है।        उत्तर

नोट – उपरोक्त उदाहरण में, समकोण त्रिभुज में लंब भुजा और आधार भुजा का उपयोग किया गया है, इसलिए हमने त्रिकोणमितीय फलन tan ϴ का उपयोग किया हैं। cot ϴ का भी उपयोग किया जा सकता है। इसी तरह सभी प्रश्न हल होंगे।

उदाहरण – 2) एक ऊर्ध्वाधर खंभे की ऊंचाई उसकी छाया के बराबर है। सूर्य का उन्नयन कोण ज्ञात कीजिए।

हल –

माना सूर्य का उन्नयन कोण ϴ है।

AC एक ऊर्ध्वाधर खंभा है और BC इसकी छाया है।

प्रश्न के अनुसार,

ऊर्ध्वाधर खंभे की ऊँचाई (AC) = छाया की लंबाई (BC)         

△ABC में,

tan ϴ = AC/BC

tan ϴ = AC/AC = 1               [∵ tan 45° = 1]        

tan ϴ = tan 45°         

      ϴ = 45°

अतः सूर्य का उन्नयन कोण 45° है।          उत्तर 

उदाहरण – 3) 10 मीटर ऊंचे टॉवर के शीर्ष से, जमीन पर एक बिंदु का अवनमन कोण 60° है। टॉवर के आधार से बिंदु की दूरी ज्ञात कीजिए।

हल –

यहां, टॉवर की ऊँचाई PQ  = 10 मीटर

हमें दूरी QR ज्ञात करनी है।  

PS एक क्षैतिज रेखा है क्योंकि अवनमन कोण, टॉवर के शीर्ष से दिया गया है।

∠SPR = ∠PRQ = 60° (एकान्तर कोण)           

△PQR में,

tan 60° = PQ/QR

√3 = 10/QR

QR = 10/√3     

QR = (10/√3)⨯(√3/√3)      (परिमेयकरण करने पर)

QR = 10√3/3 = 3.33⨯1.732               [∵ √3 = 1.732]

QR = 5.767 मीटर

इस प्रकार टॉवर के आधार से बिंदु की दूरी 5.767 मीटर है।         उत्तर

त्रिकोणमिति (The Trigonometry) कक्षा 10 अँग्रेजी में   

त्रिकोणमिति (The Trigonometry) के बारे में अधिक जानकारी 

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