Ek Vrit Ke Chaap Dvaara Antarit Kon
परिचय
हमने वृत्त में जीवाओं का अध्ययन किया है। हम जीवा के अन्तबिन्दुओ को लेते हैं जो वृत्त पर होते हैं और इन दोनों अन्तबिन्दुओ की गोलाकार लंबाई को चाप कहते हैं। यदि दो बराबर चाप हैं तो केंद्र पर दोनों चापों द्वारा बनाए गए कोण समान होंगे और यदि दो सर्वांगसम वृत्त हैं तो दो समान चापों से बने कोण समान होंगे। एक वृत्त के चाप द्वारा अंतरित कोण (Angles Made by the Arc of Circle) को खींची गई आकृतियों से बेहतर समझा जा सकता है।
विस्तृत व्याख्या
आकृति (1) में दो समान चाप हैं AB और CD और दोनों चापो द्वारा वृत्त के केंद्र पर बने कोण ∠AOB और ∠COD हैं। समान चापो से बने होने के कारण दोनों कोण समान होंगे।
आकृति (2) और आकृति (3) में दो सर्वांगसम वृत्त हैं जिनका केंद्र O है। दोनों वृत्तो में दो समान चाप PQ और RS हैं। दोनों चापों द्वारा बनाए गए कोण ∠POQ और ∠ROS है। सर्वांगसम वृत्तो में समान चाप होने के कारण दोनों कोण भी समान होंगे।
नोट – 1) उपरोक्त आकृतियो में, यदि हम जीवाओं को उनके चापों के संगत लेते हैं तो इन जीवाओं द्वारा अंतरित कोण भी बराबर होंगे।
2) एक वृत्त में, लघु चाप केंद्र पर न्यून कोण अंतरित करता है और दीर्घ चाप केंद्र पर प्रतिवर्ती कोण अंतरित करता है।
क्या होता है जब एक चाप द्वारा वृत्त के केंद्र पर कोण अंतरित होता है और उसी चाप द्वारा उसी वृत्त पर कोण अंतरित किया जाता है। चलो देखते हैं
उपरोक्त आकृतियों में, यदि हम प्रत्येक वृत्त में प्रत्येक कोण को मापते हैं तो हम पाएंगे कि
आकृति 1 में) ∠POQ = 120° और ∠PRQ = 60°
आकृति 2 में) ∠POQ = 180° और ∠PRQ = 90°
आकृति 3 में) ∠POQ = 240° और ∠PRQ = 120°
उपर्युक्त अवलोकन से, हमने पाया कि तीनो वृत्तो में चाप PQ द्वारा केंद्र पर अंतरित कोण उसी समान चाप PQ द्वारा वृत्त पर अंतरित कोण से दोगुना है।
यह दर्शाता है कि केंद्र पर एक चाप द्वारा बनाया गया कोण वृत्त के किसी भी बिंदु पर उसी चाप द्वारा बनाए गए कोण का दो गुना होता है। हम इसे प्रमेय की सहायता से सिद्ध कर सकते हैं। यहां हम आकृति (1) के लिए प्रमेय सिद्ध कर रहे हैं।
वृत्त के चाप द्वारा अंतरित कोण (Angles Made by the Arc of Circle) पर आधारित प्रमेय
प्रमेय 1) एक चाप द्वारा केंद्र पर अंतरित किया गया कोण वृत्त के शेष भाग के किसी भी बिंदु पर इसके द्वारा अंतरित कोण का दोगुना होता है।
दिया गया है – चाप PQ केंद्र पर ∠POQ और वृत्त के बिंदु R पर ∠PRQ अंतरित कर रहा है।
सिद्ध करना है कि – ∠POQ = 2∠PRQ
रचना – बिंदु R को केंद्र से मिलाया और फिर इसे बिंदु S तक बढ़ाया।
उपपत्ति – △POR में बहिष्कोण गुण द्वारा,
∠POS = ∠PRO + ∠OPR ————-(1)
∵ OR = OP (एक ही वृत्त की त्रिज्याएँ)
∴ ∠PRO = ∠OPR (समान भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं)
समीकरण (1) से,
∠POS = ∠PRO + ∠PRO
∠POS = 2∠PRO —————(2)
इसी तरह △QOR में,
∠QOS = 2∠QRO —————(3)
समीकरण (2) और (3) को जोड़ने पर,
∠POS + ∠QOS = 2∠PRO + 2∠QRO
∠POQ = 2(∠PRO + ∠QRO)
∠POQ = 2(∠PRO + ∠QRO)
∠POQ = 2∠PRQ इति सिद्धम
नोट – यह प्रमेय आकृति (2) और आकृति (3) के लिए भी सिद्ध हो सकती है।
आकृति (2) में, ∠POQ = 180° (व्यास पर कोण)
तो ∠PRQ = 90°
यह दर्शाता है कि अर्धवृत्त में बना कोण हमेशा एक समकोण होता है या हम कह सकते हैं कि अर्धवृत्त एक समकोण को अंतरित करता है।
उपरोक्त प्रमेय में, बिंदु R को वृत्त पर लिया जाता है। यदि हम इसी वृत्त पर एक और बिंदु S लेते हैं तो वृत्त पर दो कोण अंतरित होंगे।
उनके बीच क्या संबंध होगा चलो यह प्रमेय द्वारा समझते है।
प्रमेय – 2) एक ही वृत्तखंड में एक चाप द्वारा अंतरित कोण बराबर होते हैं।
दिया गया है – कोण ∠PRQ और ∠PSQ वृत्त पर चाप PQ द्वारा अंतरित है।
सिद्ध करना है कि – ∠PRQ = ∠PSQ
उपपत्ति – आकृति में, चाप PQ द्वारा वृत्त पर दो कोणों को अंतरित किया गया है। प्रमेय (1) द्वारा,
∠POQ = 2∠PRQ और ∠POQ = 2∠PSQ
इसलिए, 2∠PRQ = 2∠PSQ
∠PRQ = ∠PSQ
इस संबंध से पता चलता है कि एक ही वृत्तखंड में एक चाप द्वारा अंतरित कोण हमेशा बराबर होते हैं। इति सिद्धम
प्रमेय का विलोम
प्रमेय 3) – यदि दो बिंदुओं को मिलाने वाला रेखाखंड, उसको अंतर्विष्ट करने वाली रेखा के एक ही तरफ स्थित दो अन्य बिंदुओं पर समान कोण अंतरित करे, तो चारो बिंदु एक वृत्त पर स्थित होते हैं (अर्थात वे चक्रीय होते है)।
दिया गया है – AB जीवा है और ∠ACB = ∠ADB
सिद्ध करना है कि – बिंदु A, B, C और D वृत्त पर स्थित हैं।
उपपत्ति – ∠ACB = ∠ADB (दिया गया है)
चलो मानते है कि वृत्त बिन्दुओ A, B और C से गुजरता है। यह बिंदु D से नहीं गुजरता है। इसका मतलब है कि वृत्त बिंदु E पर रेखा AD को प्रतिच्छेद करेगा या E` पर बढ़ी हुई AD को प्रतिच्छेद करेगा।
यदि बिंदु A, C, E और B वृत्त पर हैं तो,
∠ACB = ∠AEB (एक चाप द्वारा एक ही वृत्तखंड में बनाए गए कोण बराबर होते हैं)
लेकिन ∠ACB = ∠ADB (दिया गया है)
इसलिए, ∠AEB = ∠ADB
इसका मतलब है बिंदु E और D एक दूसरे के साथ सम्पाती हैं।
इसी तरह, बिंदु E` भी D के साथ सम्पाती होगा।
तो यह सिद्ध होता है कि बिंदु A, B, C और D एक ही वृत्त पर स्थित हैं। इति सिद्धम
कुछ उदाहरण –
उदाहरण 1) आकृति में, ∠AOB = 84° हैं। ∠ACB ज्ञात कीजिये।
हल – प्रमेय के अनुसार, वृत्त के केंद्र पर बना कोण वृत्त पर बने कोण का दोगुना होता है। इसलिए
∠AOB = 2∠ACB
84° = 2∠ACB [दिया गया है ∠AOB = 84°]
84°/2 = ∠ACB
42° = ∠ACB
इसलिए, ∠ACB = 42° उत्तर
उदाहरण 2) आकृति में, वृत्त के केंद्र पर जीवाओ PQ और PR द्वारा बने कोण 76° और 130° हैं। ∠QPR और ∠QOR का मान ज्ञात कीजिए।
हल – दिया गया है ∠POQ = 76° and ∠POR = 130°
∠QOR = 360° – (76° + 130°) [वृत्त के केंद्र पर बना सम्पूर्ण कोण 360° होता है]
∠QOR = 360° – (206°)
∠QOR = 154°
∠QPR = ½∠QOR [वृत्त के केंद्र पर बना कोण वृत्त पर बने कोण से दोगुना होता है]
∠QPR = ½⨯154° = 77°
∠QPR = 77° उत्तर
उदाहरण 3) दी गई आकृति में, ∠PSQ ज्ञात कीजिये यदि ∠POQ = 100 ° है।
हल – दिया गया है ∠POQ = 100°
इसलिए, ∠PRQ = 1/2∠POQ [वृत्त के केंद्र पर बना कोण वृत्त पर बने कोण से दोगुना होता है]
∠PRQ = 1/2⨯(100°)
∠PRQ = 50°
चूंकि ∠PRQ = ∠PSQ [एक ही वृत्तखंड में चाप द्वारा बनाए गए कोण समान होते हैं]
इसलिए, ∠PSQ = 50° उत्तर
कुछ लघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1) चाप किसे कहते है?
उत्तर – वृत्त पर स्थित दो बिंदुओं की गोलाकार लंबाई को चाप कहते हैं।
प्रश्न 2) वृत्त पर व्यास द्वारा अंतरित कोण का माप क्या होता है?
उत्तर – समकोण (90°)
एक वृत्त के चाप द्वारा अंतरित कोण (Angles Made by the Arc of Circle) कक्षा 10 अँग्रेजी में
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