Bahupad
परिचय
एक बहुपद (Polynomial) शब्द दो ग्रीक शब्दों “Poly” जिसका अर्थ है कई और “nominal” जिसका अर्थ है पद, से बना है। इसलिए बहुपद का अर्थ है कई पद। बहुपद चर, अचर और घातांक (केवल पूर्ण संख्याएँ) की संयुक्त अभिव्यक्ति है, जिसमें अंकगणितीय व्यंजक जैसे जोड़, घटाव, गुणा और भाग (केवल अचर पदों से भाग) शामिल होते हैं।
एक बहुपद (Polynomial) में सीमित पदों के साथ एक चर और एक से अधिक चर हो सकते हैं।
उदाहरण –
(1) 3x | (6) 6zt – 7x + 8 |
(2) 5x2 + 6x – 4 | (7) s3 + t5 – xy – 3 |
(3) x4 – 9x + 8 | (8) 7x3 |
(4) 7x3 + x2 – 2x + 1 | (9) 8xyz + y3 – t |
(5) 9 | (10) x + y |
उपरोक्त सभी उदाहरण बहुपद (Polynomial) हैं। एक चर वाले बहुपद को p(x), g(x), f(a), q(y)… आदि द्वारा दर्शाया जाता है। जहां कोष्ठक में लिखा गया अक्षर बहुपद के चर को दर्शाता है।
यदि हम उदाहरण p(x) = 5x2 + 6x – 4 लें, तो इसमें तीन पद हैं।
चर – x, घातांक पद – x2 , अचर – 4 , x2 और x का गुणांक – 5 और 6
बहुपद (Polynomial) से संबंधित कुछ परिभाषाएँ
पद – बहुपद में, पद अंकगणितीय संक्रियाओं जोड़ और घटाव से जुड़े होते हैं।
उदाहरण –
बहुपद | पदों की संख्या |
---|---|
7x3 + x2 – 2x + 1 | चार पद |
8xyz + y3 – t | तीन पद |
3x | एक पद |
9 | एक पद |
चर – चर अज्ञात मान होते हैं जिन्हें अंग्रेजी अक्षरों द्वारा दर्शाया जाता है। जैसे x, y, z, a, t… .. आदि।
अचर – अचर, बहुपदों में प्रयुक्त ज्ञात संख्याएँ होती हैं। यह वास्तविक संख्या होती है। जैसे 5, 6, -8, -3, 1.4, 6.2, 1/3… आदि।
घातांक – जिस संख्या या अक्षर को स्वयं से लगातार गुणा किया जाता है उसे घातांक रूप में लिखा जा सकता है। जैसे x3, y5, z6…… आदि।
गुणांक – किसी भी पद के गुणन कारक को गुणांक कहते हैं। जैसे 5x2 में x2 का गुणांक 5 है।
बहुपद (Polynomial) के प्रकार
अचर बहुपद – जिस बहुपद (Polynomial) में केवल एक अचर मान होता है, वह अचर बहुपद कहलाता है।
उदाहरण – 3, -8, 2, -9…..आदि। 0 को शून्य बहुपद कहते हैं।
एकपदी – केवल एक पद वाले बहुपद को एकपदी कहते हैं।
उदाहरण – 3x, 7x4, 5, t7, – 9z2……आदि
द्विपद – दो पदों वाले बहुपद, द्विपद कहलाते हैं।
उदाहरण – x + 8, y9 – z21, t8 + 9…….आदि
त्रिपद – तीन पदों वाले बहुपद को त्रिपद कहते हैं।
उदाहरण – 6zt – 7x + 8, 8xyz + y3 – t, x4 – 9x + 8……आदि
बहुपद (Polynomial) की घात
जब बहुपद (Polynomial) एक चर में होता है, तो बहुपद में चर की उच्चतम घात बहुपद की घात कहलाती है।
बहुपद उदाहरण | घात | प्रकार |
2(2x0), 4, 5, 9, | 0 | अचर बहुपद |
5x, x + 7, 2x – 8 | 1 | रैखिक बहुपद, व्यापक रूप p(x) = ax+b, a ≠ 0 |
x2 – 3x + 2, 7y2 + y – 9, z2 + 6 | 2 | द्विघाती बहुपद, व्यापक रूप p(x) = ax2+bx+c, a ≠ 0 |
t3 + t2 – t + 1, a3 – 2a, s3 + 7s2 + 8s + 9 | 3 | त्रिघाती बहुपद, व्यापक रूप p(x) = ax3+bx2+cx+d, a ≠ 0 |
जब बहुपद (Polynomial) में एक से अधिक चर मौजूद हों तो क्या करें।
यहाँ उदाहरण है – 7x2y + x2 + xy + 2 की घात ज्ञात कीजिए।
घात ज्ञात करने के लिए, प्रत्येक पद के चरों की घातों (घातांक) को जोड़ें, तो उच्चतम घात उस बहुपद की घात होगी।
उपरोक्त उदाहरण में, प्रथम पद x2y = 2+1 = 3 y पर घात 1 है, आमतौर पर लिखा नहीं जाता है।
द्वितीय पद x2 = 2
तृतीय पद xy = 1+1 = 2
चतुर्थ पद 2 = 0 (चर नहीं है)
उच्चतम घात 3 है इसलिए बहुपद (Polynomial) की घात 3 है।
- एक शून्येतर अचर बहुपद की घात शून्य होती है।
- शून्य बहुपद (Zero Polynomial) की घात परिभाषित नहीं है।
- घात 1 वाले बहुपद रैखिक बहुपद कहलाते हैं। एक रैखिक बहुपद में अधिकतम दो पद होते हैं इसलिए रैखिक बहुपद या तो द्विपद या एकपदी होता है।
- घात 2 वाले बहुपद द्विघाती बहुपद कहलाते हैं। एक चर वाले द्विघाती बहुपद में अधिकतम तीन पद होते हैं इसलिए द्विघाती बहुपद एकपदी, द्विपद या त्रिपद हो सकता है।
- घात 3 वाले बहुपद त्रिघाती बहुपद कहलाते हैं। एक चर वाले त्रिघाती बहुपद में अधिकतम चार पद होते हैं इसलिए त्रिघाती बहुपद एकपदी, द्विपद या त्रिपद हो सकता है।
घात n वाले एक चर x वाले बहुपद (Polynomial) को निम्न रूप में व्यक्त किया जाता है –
P(x) = anxn + an-1xn-1 +…………+ a1x + a0
जहाँ an ≠ 0 और an, an-1, a1, a0 = अचर
गैर–बहुपदों के उदाहरण –
- x + ⅟ x
- √y + 5
- z-4 – z
समान पद और असमान पद
समान पद – बहुपदों में, यदि पदों के बीजीय गुणनखंड समान हों, तो वे समान पद कहलाते हैं।
उदाहरण –
- 4xy and 7xy
- 2x2z, x2z and 9zx2
- 3abc, 8acb and 5cba
असमान पद – बहुपदों में, यदि पदों के बीजीय गुणनखंड भिन्न हों, तो उन्हें असमान पद कहते हैं।
उदाहरण –
- 7st and 6st2
- 3pqr, pqrs and 9p2
- 6sr, s3r and rst
बहुपदो पर संक्रियाएँ
- बहुपदों का योग
- बहुपदों का घटाव
- बहुपदों का गुणा
- बहुपदों का भाग
बहुपदों का जोड़
जब हम दो या दो से अधिक बहुपदो को जोड़ते हैं तो केवल समान पद जोड़े जाते हैं इसका अर्थ है कि समान चर और समान घात वाले पद जोड़े जाते हैं। असमान पदों को नहीं जोड़ा जाएगा, वो अपरिवर्तित रहेंगे। जोड़ में, परिणामी बहुपद की घात समान रहती है।
उदाहरण – बहुपदो को जोड़ें 3x2 + 4xy + 2y2 और 5y2 – xy + 7x2
हल – 3x2 + 4xy + 2y2 + 5y2 – xy + 7x2
(3x2 + 7x2) + (4xy – xy) + (2y2 + 5y2)
10x2 + 3xy + 7y2 उत्तर
बहुपदो का घटाव
बहुपदों का घटाव बहुपदों के योग के समान ही होता है। इसमें समान पदों को घटाया जाता है और असमान पदों में कोई परिवर्तन नहीं होता है। इसमें भी परिणामी बहुपद की घात वही रहेगी।
उदाहरण – बहुपद 3xy2 + 4xy – 6x2y + y3 को 8xy2 + 7xy + x2y में से घटाएं।
हल – 8xy2 + 7xy + x2y – (3xy2 + 4xy – 6x2y + y3)
8xy2 + 7xy + x2y – 3xy2 – 4xy + 6x2y – y3
(8xy2 – 3xy2) + (7xy – 4xy) + (x2y + 6x2y) – y3
5xy2 + 3xy + 7x2y – y3 उत्तर
बहुपदों का गुणा
जब दो या दो से अधिक बहुपदों को गुणा किया जाता है तो परिणाम हमेशा उच्च घात वाला बहुपद होता है। लेकिन दो बहुपदों में, यदि एक या दोनों बहुपद अचर बहुपद हों तो घात वही रहेगी। बहुपदों के गुणा में, समान चरों की घातो को घातांक के नियमों द्वारा जोड़ा जाता है।
एकपदी को एकपदी से गुणा करना
दो एकपदी का गुणा करना
उदाहरण – 1) 4x⨯6y = (4⨯6)⨯(x⨯y) = 24xy
2) 3a⨯(-2b) = {3⨯(-2)}⨯(a⨯b) = -6ab
3) 6p2⨯8p = (6⨯8)⨯(p2⨯p) = 48p3
4) x4yz2⨯2xy3z = (1⨯2)⨯(x4⨯x⨯y⨯y3⨯z2⨯z) = 2x5y4z3 उत्तर
तीन या अधिक एकपदी का गुणा करना
उदाहरण – 1) 7t⨯2s⨯3r = (7⨯2⨯3)⨯(t⨯s⨯r) = 42tsr उत्तर
2) 4pq⨯5p2q2⨯6p3q3
= (4⨯5⨯6)⨯(p⨯p2⨯p3⨯q⨯q2⨯q3)
= 120p6q6 उत्तर
3) 2x2y⨯(-4y2z)⨯(-7z2x)⨯2x2yz
= [2x2y⨯(-4y2z)]⨯[(-7z2x)⨯2x2yz]
= (-8x2y3z)⨯(-14x3yz3)
= 112x5y4z4 उत्तर
एकपदी को बहुपद से गुणा करना
एकपदी को द्विपद से गुणा करना
उदाहरण – 1) 2a⨯(3b+4)
वितरण नियम का उपयोग करने पर,
= 2a⨯3b + 2a⨯4
= 6ab + 8a उत्तर
2) 7xy⨯(y2+5)
= 7xy⨯y2 + 7xy⨯5
= 7xy3 + 35xy उत्तर
एकपदी को त्रिपद से गुणा करना
उदाहरण – 1) 3v⨯(4v2+5v+7)
वितरण नियम का उपयोग करने पर,
= 3v⨯4v2 + 3v⨯5v + 3v⨯7
= 12v3 + 15v2 + 21v उत्तर
2) x2⨯(9xz+6y2-xyz)
= x2⨯9xz + x2⨯6y2 – x2⨯xyz
= 9x3z + 6x2y2 – x3yz उत्तर
बहुपद को बहुपद से गुणा करना
द्विपद को द्विपद से गुणा करना
उदाहरण – 1) (2x+3y)⨯(3x+2y)
= 2x⨯(3x+2y) + 3y⨯(3x+2y)
= 2x⨯3x + 2x⨯2y + 3y⨯3x + 3y⨯2y
= 6x2 + 4xy + 9xy + 6y2
= 6x2 + 13xy + 6y2 उत्तर
2) (p2-6qr)⨯(9q2+7r)
= p2⨯(9q2+7r) – 6qr⨯(9q2+7r)
= p2⨯9q2 + p2⨯7r – 6qr⨯9q2 – 6qr⨯7r
= 9p2q2 + 7p2r – 54q3r – 42qr2 उत्तर
द्विपद को त्रिपद से गुणा करना
उदाहरण – 1) (a+5)⨯(a2+2a-7)
= a⨯(a2+2a-7) + 5⨯(a2+2a-7)
= a⨯a2+a⨯2a-a⨯7 + 5⨯a2+5⨯2a-5⨯7
= a3+2a2-7a + 5a2+10a-35
= a3+7a2+3a-35 उत्तर
2) (x2-3)⨯(xy+yz+zx)
= x2⨯(xy+yz+zx) – 3⨯(xy+yz+zx)
= x2⨯xy+x2⨯yz+x2⨯zx – 3⨯xy – 3⨯yz – 3⨯zx
= x3y + x2yz + x3z – 3xy – 3yz – 3zx उत्तर
बहुपदों का भाग
बहुपद के विभाजन में, परिणाम कम घात वाला बहुपद होता है और यदि बहुपदों में से एक अचर बहुपद है तो घात वही रहेगी।
एकपदी को एकपदी से विभाजित करना
आसान विभाजन के लिए, हम इस प्रकार के विभाजन में भाज्य और भाजक दोनों का गुणनखंड करते हैं।
उदाहरण – 1) 6x4 ÷ 3x
= 2⨯3⨯x⨯x⨯x⨯x/3⨯x = 2⨯x⨯x⨯x = 2x3 उत्तर
2) 72p2q3r ÷ (- 6p4q)
= 2⨯2⨯2⨯3⨯3⨯p⨯p⨯q⨯q⨯q⨯r/-2⨯3⨯p⨯p⨯p⨯p⨯q
= 2⨯2⨯3⨯q⨯q⨯r/-p⨯p = 12q2r/-p2 उत्तर
बहुपद को एकपदी से विभाजित करना
उदाहरण – 1) (2xy + 6x) ÷ 2x
= (2xy + 6x)/2x = 2x(y + 3)/2x = (y+3) उत्तर
2) (8y3 + 6y2 + 12y) ÷ 2y
= (8y3 + 6y2 + 12y)/2y = 2y(4y2 + 3y+ 6)/2y
= 4y2 + 3y+ 6 उत्तर
इसे इस प्रकार भी हल किया जा सकता है = 8y3/2y + 6y2/2y + 12y/2y = 4y2 + 3y+ 6
बहुपद को बहुपद से विभाजित करना
उदाहरण – 1) (7a2 + 14a) ÷ (a + 2)
= (7a2 + 14a)/(a + 2) = 7a(a + 2)/(a + 2) = 7a उत्तर
2) (x4 – 5x3 – 24x2) ÷ x(x – 8)
= (x4 – 5x3 – 24x2)/x(x – 8) = x2(x2 – 5x – 24)/x(x – 8)
= x(x2 – 8x + 3x – 24)/(x – 8) [(x2 – 5x – 24) का गुणनखंड]
= x{x(x – 8) + 3(x – 8)}/(x – 8)
= x(x – 8)(x + 3)/(x – 8) = x(x + 3) उत्तर
यदि उपरोक्त विधि बहुपद को बहुपद से विभाजित करने में आपकी सहायता नहीं करती है, तो विभाजित करने की एक अन्य विधि भी है जिसे विभाजन एल्गोरिथ्म कहा जाता है।
बहुपदों को हल करना
एक बहुपद को हल करने के लिए, हम उस बहुपद को शून्य(0) के बराबर रखते हैं और उसमें चर का मान ज्ञात करते हैं। चर के मान बहुपद के शून्यक या मूल कहलाते हैं जो बहुपद की घात पर निर्भर करता है। यदि बहुपद की घात 1 है तो एक शून्यक होगा और यदि घात 2 है तो दो शून्यक होंगे।
- रैखिक बहुपद को हल करना
- द्विघाती बहुपद को हल करना
- त्रिघाती बहुपद को हल करना
रैखिक बहुपद (Linear Polynomial) को हल करना
रैखिक बहुपद में, घात हमेशा 1 होती है इसलिए एक और केवल एक शून्यक होगा। यदि रैखिक बहुपद p(x) है तो बहुपद p(x) का शून्यक ज्ञात करने के लिए हमें समीकरण p(x) = 0 को हल करना होगा।
उदाहरण 1) बहुपद p(x) = 3x + 2 का शून्यक ज्ञात कीजिए।
हल – माना p(x) = 0
3x + 2 = 0
3x = – 2
x = -2/3
x = -2/3 बहुपद p(x) = 3x + 2 का शून्यक है। उत्तर
उदाहरण 2) बहुपद p(y) = 2y – 6 का शून्यक ज्ञात कीजिए।
हल – माना p(y) = 0
2y – 6 = 0
2y = 6
y = 6/2
y = 3
बहुपद p(y) = 2y – 6 का शून्यक y = 3 है। उत्तर
नोट – रैखिक बहुपद का मानक रूप ax + b = 0 है जहाँ a ≠ 0 इसलिए शून्यक x = -b/a होगा। हम इसकी तुलना करके भी शून्यक ज्ञात कर सकते हैं।
द्विघाती बहुपद (Quadratic Polynomial) को हल करना
द्विघाती बहुपद में घात 2 होती है अत: दो शून्यक होंगे।
उदाहरण -1) बहुपद x2 – 3x के शून्यक ज्ञात कीजिए।
हल – माना p(x) = x2 – 3x
अब P(x) = 0
x2 – 3x = 0
x(x – 3) = 0
x = 0 और x – 3 = 0
x = 0 और x = 3
दो शून्यक x = 0 और x = 3 हैं। उत्तर
उदाहरण – 2) बहुपद 6x2 + 5x – 6 के शून्यक ज्ञात कीजिए।
हल – माना p(x) = 6x2 + 5x – 6
अब p(x) = 0
6x2 + 5x – 6 = 0
6x2 + 9x – 4x – 6 = 0 (गुणनखंड विधि द्वारा) [9−4 = 5 और 9⨯(-4) = -36]
3x(2x+3) – 2(2x+3) = 0
(2x + 3)(3x – 2) = 0
2x + 3 = 0 और 3x – 2 = 0
2x = – 3 और 3x = 2
x = -3/2 और x = 2/3
ये दिए गए बहुपद के शून्यक हैं। उत्तर
त्रिघाती बहुपद को हल करना
त्रिघाती बहुपद में, घात 3 होती है इसलिए तीन शून्यक होंगे। त्रिघाती बहुपद को हल करने के लिए सबसे पहले हमें बहुपद को अवरोही क्रम में व्यवस्थित करना होता है फिर हम इसे उभयनिष्ठ पदों या गुणनखंडों द्वारा हल करते हैं।
उदाहरण – 1) बहुपद x3 + 2x2 – x – 2 के शून्यक ज्ञात कीजिए।
हल – माना p(x) = x3 + 2x2 – x – 2
अब p(x) = 0
x3 + 2x2 – x – 2 = 0
x2(x + 2) – 1(x + 2) = 0
(x + 2)(x2 – 1) = 0
x + 2 = 0 और x2 – 1 = 0
x = -2 और x2 = 1
x = ±√1
x = ±1
अतः शून्यक x = -2, x = +1 और x = -1 हैं। उत्तर
नोट – हम दिए गए बहुपद में प्रत्येक शून्यक का मान रखकर उत्तर की जांच कर सकते हैं क्योंकि शून्यक के प्रत्येक मान पर बहुपद का मान 0 होता है।
उदाहरण – 2) बहुपद x3 + 6x2 + 11x + 6 के शून्यक ज्ञात कीजिए।
हल – माना p(x) = x3 + 6x2 + 11x + 6
इसमें कोई उभयनिष्ठ पद नहीं है।
अतः अचर पद 6 के गुणनखंड = ±1, ±2, ±3 और ±6
अब x = +1 पर,
p(1) = (1)3 + 6(1)2 + 11(1) + 6
p(1) = 1 + 6 + 11 + 6
p(1) = 24
∵ p(1) ≠ 0 इसलिए x = +1 इस बहुपद का शून्यक नहीं है।
यहाँ बहुपद के सभी पद धनात्मक हैं इसलिए हम केवल ऋणात्मक गुणनखंडों को लेंगे।
अब x = – 1 पर,
p(-1) = (-1)3 + 6 (-1)2 + 11(-1) + 6
p(-1) = -1 + 6 – 11 + 6
p(-1) = 0
∵ p(-1) = 0 इसलिए x = -1 इस बहुपद का शून्यक है।
अब x = -2 पर,
p(-2) = (-2)3 + 6 (-2)2 + 11(-2) + 6
p(-2) = – 8 + 6(4) – 22 + 6
p(-2) = – 8 + 24 – 22 + 6
p(-2) = 0
∵ p(-2) = 0 इसलिए x = -2 इस बहुपद का शून्यक है।
अब x = -3 पर,
p(-3) = (-3)3 + 6 (-3)2 + 11(-3) + 6
p(-3) = -27 + 6(9) – 33 + 6
p(-3) = -27 + 54 – 33 + 6
p(-3) = 0
∵ p(-3) = 0 इसलिए x = -3 इस बहुपद का शून्यक है।
∵ दिए गए बहुपद की घात 3 है अत: केवल तीन शून्यक होंगे।
अतः दिए गए बहुपद के शून्यक x = -1, x = -2 और x = -3 हैं। उत्तर
विभाजन एल्गोरिथ्म
यदि p(x) और g(x) ऐसे दो बहुपद हैं कि p(x) की घात g(x) से अधिक है और g(x) ≠ 0 और हम p(x) को g(x) से विभाजित करते हैं, तो हमें भागफल q(x) और शेषफल r(x) के रूप में दो बहुपद इस प्रकार प्राप्त होते हैं कि
p(x) = g(x).q(x) + r(x)
जहाँ r(x) = 0 या r(x) की घात g(x) से कम होती है।
उदाहरण – बहुपद p(x) = 2x4 – 3x3 + 3x + 1 को x + 1 से भाग दीजिए।
हल –
भागफल = 2x3 – 5x2 + 5x – 2 शेषफल = 3
चरण –
- सबसे पहले हम भाज्य और भाजक को अवरोही क्रम में व्यवस्थित करते है यदि वे व्यवस्थित नहीं हैं। इस प्रश्न में, दोनों अवरोही क्रम में व्यवस्थित है।
- फिर हम भाज्य के पहले पद को भाजक के पहले पद से विभाजित करते है। हम 2x4 को x से विभाजित करते हैं और 2x3 प्राप्त करते हैं। यह भागफल का पहला पद है।
- हम भाजक (x+1) को भागफल के पहले पद 2x3 से गुणा करते है और गुणनफल 2x4 + 2x3 को भाज्य में से घटाते है। इससे शेषफल -5x3 +3x + 1 मिलता है।
- यह शेषफल -5x3 + 3x + 1 हमारा नया भाज्य है। भागफल का दूसरा पद – 5x2 प्राप्त करने के लिए हम चरण (2) को दोहराते हैं।
- इसी प्रकार चरण (3) के जैसे हम भागफल के दूसरे पद – 5x2 को भाजक (x+1) से गुणा करते हैं और नए भाज्य में से गुणनफल – 5x3 – 5x2 को घटाते हैं।
हम समान पद के नीचे समान पद लिखते है और यदि कोई असमान पद हो तो हम उस पद को अलग से लिखते हैं।
यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक कि शेषफल 0 न हो या नए भाज्य की घात भाजक की घात से कम न हो। अंत में, नया भाज्य ही शेषफल होगा।
यहाँ भाजक x + 1 का शून्यक x + 1 = 0 ⇒ x = -1 है
इसलिए p(x), x = -1 पर, p(-1) = 2(-1)4 – 3(-1)3 + 3(-1) + 1
p(-1) = 2 – 3(-1) – 3 + 1
p(-1) = 2 + 3 – 3 + 1 = 3 (शेषफल)
इसका अर्थ है कि हम भाज्य p(x) में भाजक g(x) के शून्यक का मान रखकर किसी भी विभाजन का शेषफल r(x) प्राप्त कर सकते हैं।
शेषफल प्रमेय
मान लीजिए p(x) एक या एक से अधिक घात वाला कोई बहुपद (Polynomial) है और मान लीजिए कि a कोई वास्तविक संख्या है। यदि p(x) को रैखिक बहुपद (x – a) से विभाजित किया जाता है, तो शेषफल p(a) होता है।
उदाहरण – शेषफल ज्ञात कीजिए जब x4 – 4x2 + x3 + 2x + 1 को x – 1 से विभाजित किया जाता है।
हल – मान लीजिए p(x) = x4 – 4x2 + x3 + 2x + 1
x – 1 का शून्यक x – 1 = 0 ⇒ x = 1 है।
इसलिए p(x), x = 1 पर, p(1) = (1)4 – 4(1)2 + (1)3 + 2(1) + 1
p(1) = 1 – 4 + 1 + 2 + 1 = 1
इसलिए, शेषफल 1 है। उत्तर
गुणनखंड प्रमेय
यदि बहुपद p(x) को बहुपद g(x) से विभाजित किया जाए और शेषफल r(x) = 0 हो तो बहुपद g(x) बहुपद p(x) का एक गुणनखंड होगा या हम कह सकते हैं कि यदि g(x), p(x) का एक गुणनखंड है, तो शेषफल r(x) शून्य(0) होगा।
उदाहरण – जाँच करें कि क्या x – 3 बहुपद x3 – 3x2 + 4x – 12 का एक गुणनखंड है।
हल – मान लीजिए p(x) = x3 – 3x2 + 4x – 12
हम जानते हैं कि यदि (x – 3), p(x) का एक गुणनखंड है तो शेषफल 0 होगा।
x – 3 का शून्यक x – 3 = 0 ⇒ x = 3 है।
अब p(x), x = 3 पर, p(3) = (3)3 – 3(3)2 + 4(3) – 12
p(3) = 27 – 3(9) + 12 – 12
p(3) = 27 – 27 + 12 – 12 = 0
∵ शेषफल 0 है इसलिए (x – 3), बहुपद p(x) का गुणनखंड है। उत्तर
नोट – यहाँ शून्यक x = 3 है इसलिए गुणनखंड x – 3 है। यदि हमे शून्यक पता हैं तो हम गुणनखंड ज्ञात कर सकते हैं और यदि हमे किसी बहुपद का गुणनखंड पता हैं तो हम शून्यक ज्ञात कर सकते हैं।
द्विघाती बहुपद (Quadratic Polynomial) के शून्यको और गुणांको के बीच संबंध
हम जानते हैं कि द्विघाती बहुपद का मानक रूप f(x) = ax2 + bx + c है।
माना α और β इस बहुपद के दो शून्यक हैं। तब (x – α) और (x – β), f(x) के गुणनखंड होंगे।
इसलिए, अचर k के लिए हम लिख सकते हैं
f(x) = k(x – α) (x – β)
ax2 + bx + c = k{x2 – (α + β)x + αβ}
ax2 + bx + c = kx2 – k(α + β)x + kαβ
तुलना करने पर, a = k, b= – k(α + β), c = kαβ
∵ b= – k(α + β) और c = kαβ
α + β = b/-k और αβ = c/k
∵ a = k
α + β = b/-a या -b/a और αβ = c/a
इसलिए, द्विघाती बहुपद f(x) = ax2 + bx + c के लिए,
शून्यको का योग (α + β) = -b/a = -(x का गुणांक)/(x2 का गुणांक)
शून्यको का गुणनफल (αβ) = c/a = (अचर पद)/(x2 का गुणांक)
कुछ उदाहरण
उदाहरण -1) द्विघाती बहुपद 3x2 + 5x – 2 के शून्यक ज्ञात कीजिए और शून्यकों और गुणांकों के बीच संबंध की पुष्टि कीजिए।
हल – मान लीजिए f(x) = 3x2 + 5x – 2
अब f(x) = 0
3x2 + 5x – 2 = 0
3x2 + 6x – x – 2 = 0
3x(x + 2) – 1(x + 2) = 0
(x + 2)(3x – 1) = 0
x + 2 = 0 और 3x – 1 = 0
x = – 2 और x = ⅓
इसलिए, बहुपद f(x) के शून्यक x = – 2 और x = ⅓ है।
अब शून्यकों का योग = – 2 + ⅓ = (-6 + 1)/3 = -5/3 = -(x का गुणांक)/(x2 का गुणांक)
शून्यको का गुणनफल = – 2⨯⅓ = -2/3 = (अचर पद)/(x2 का गुणांक)
अतः द्विघाती बहुपद के शून्यकों और गुणांकों के बीच संबंध सत्यापित होता है।
उदाहरण – 2) एक द्विघाती बहुपद (Quadratic Polynomial) ज्ञात कीजिए, जिसके शून्यकों का योग और गुणनफल क्रमशः -6 और 5 है।
हल – मान लीजिए α और β एक द्विघाती बहुपद के शून्यक हैं।
किसी अचर k के लिए द्विघाती बहुपद होगा।
k{x2 – (α+β)x + αβ}
प्रश्न में, शून्यकों का योग (α+β) = – 6
शून्यकों का गुणनफल (αβ) = 5
मान रखने पर,
k{x2 – (- 6)x + 5}
k{x2 + 6x + 5}
अतः अभीष्ट द्विघाती बहुपद x2 + 6x + 5 है। उत्तर
उदाहरण – 3) बहुपद f(x) = x3 + 13x2 + 32x + 20 के सभी शून्यक ज्ञात कीजिए, यदि इसका एक शून्यक -2 है।
हल – यहाँ -2 शून्यक है अतः गुणनखंड (x + 2) होगा। यह f(x) का एक गुणनखंड है।
अन्य शून्यक ज्ञात करने के लिए हम बहुपद f(x) को गुणनखंड (x + 2) से भाग देंगे।
विभाजन एल्गोरिथ्म से, भागफल x2 + 11x + 10 इसका गुणनखंड होगा क्योंकि शेषफल 0 है।
अब भाज्य = भाजक × भागफल + शेषफल
x3 + 13x2 + 32x + 20 = (x + 2)⨯(x2 + 11x + 10) + 0
x3 + 13x2 + 32x + 20 = (x + 2)⨯{ x2 + 10x + x + 10}
x3 + 13x2 + 32x + 20 = (x + 2)⨯{ x(x + 10) + 1(x + 10)}
x3 + 13x2 + 32x + 20 = (x + 2)⨯(x + 10)(x + 1)
शून्यक ज्ञात करने के लिए, f(x) = 0
(x + 2)(x + 10)(x + 1) = 0
x = -2, x = -10 और x = -1
अतः बहुपद f(x) के सभी शून्यक -2, -10 और -1 हैं। उत्तर
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