Dvighaat Sameekaran
परिभाषा – घात 2 वाले एक चर (जैसे x) वाले बहुपद को द्विघात समीकरण (Quadratic Equations) कहते हैं। उदाहरण – 2x2 + 3x + 5, x2 – 4x + 7, x2 + 8, 3x2 + 9x,….. आदि।
द्विघात समीकरण(Quadratic Equations) का मानक रूप –
ax2 + bx + c = 0
जहाँ a, b, c वास्तविक संख्याएँ हैं और a ≠ 0
x = चर (अज्ञात)
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु –
- द्विघात समीकरण में, चर x की उच्चतम घात 2 है, इसलिए इसे द्विघाती बहुपद भी कहा जाता है।
- किसी भी बहुपद की घात, उसके समाधानों की संख्या दर्शाती है जिन्हें शून्यक या मूल कहते हैं।
- द्विघात समीकरण में, घात 2 है इसलिए मूल (समाधान) हमेशा दो मान होंगे।
- किसी भी द्विघात समीकरण में, गुणांक b और c शून्य हो सकते हैं लेकिन a शून्य नहीं हो सकता क्योंकि यदि a = 0 है तो वह बहुपद द्विघाती नहीं होगा, वो रैखिक होगा।
उदाहरण –
2x2 + 3x + 5 | a = 2, b = 3, c = 5 |
x2 – 4x + 7 | a = 1(हम आम तौर पर 1x2 नहीं लिखते हैं), b = -4, c = 7 |
x2 + 8 | a = 1, b = 0, c = 8 |
3x2 + 9x | a = 3, b = 9, c = 0 |
द्विघात समीकरण(Quadratic Equations) का हल –
गुणनखंड विधि –
इस विधि में, हम द्विघात समीकरण (Quadratic Equations) का गुणनखंड करते हैं और प्रत्येक गुणनखंड को शून्य के बराबर रखते हैं और फिर x के मान ज्ञात करते हैं। x के ये मान द्विघात समीकरण के हल हैं और इन्हे द्विघात समीकरण के मूल कहा जाता है।
इसे निम्नलिखित उदाहरणों से समझा जा सकता है।
उदाहरण -1) गुणनखंड विधि द्वारा द्विघात समीकरण x2 + 5x + 6 = 0 के मूल ज्ञात कीजिए।
हल – दिया गया समीकरण x2 + 5x + 6 = 0
चरण (1) मानक रूप ax2 + bx + c = 0 के साथ समीकरण की तुलना करने पर,
a = 1, b = 5, c = 6
हम a×c = 1×6 = 6 और b = 5 लेते हैं
चरण (2) अब हमें दो अंकीय मान लेने हैं ताकि उनका योग b अर्थात 5 के बराबर हो और उनका गुणा a×c अर्थात 6 के बराबर हो। इसलिए हम संख्या 2 और 3 लेते हैं।
नोट – यदि दो अंकीय मान ज्ञात करना कठिन है, तो हम a×c पद का गुणनखंड कर सकते हैं और इसे आसानी से प्राप्त करने के लिए युग्म बना सकते हैं।
चरण (3) अब जाँच करने पर,
2+3 = 5 और 2×3 = 6 (ये मान संतुष्ट करते हैं)
चरण (4) अब उपरोक्त योग 2+3 = 5 की सहायता से समीकरण x2 + 5x + 6 के मध्य पद को तोड़ते है।
x2 + (2+3)x + 6 = 0
x2 + 2x + 3x + 6 = 0
चरण (5) अब पहले दो पदों और अंतिम दो पदों में से उभयनिष्ठ पद निकालते है।
x(x + 2) + 3(x+2) = 0
(x+2) फिर से उभयनिष्ठ पद है इसलिए
(x+2) (x+3) = 0
चरण (6) अब प्रत्येक गुणनखंड को शून्य के बराबर रखने पर।
(x+2) = 0 और (x+3) = 0
x = -2 और x = -3 उत्तर
x के दोनों मान दिए गए द्विघात समीकरण के हल हैं और इस समीकरण के मूल कहलाते हैं।
हम दिए गए द्विघात समीकरण में x का मान रखकर अपने उत्तर की जांच कर सकते हैं।
x2 + 5x + 6 = 0
x = -2 पर, (-2)2 + 5(-2) + 6 = 0
4 – 10 + 6 = 0
– 6 + 6 = 0
0 = 0
बायाँ पक्ष = दायाँ पक्ष
x = -3 पर, (-3)2 + 5(-3) + 6 = 0
9 – 15 + 6 = 0
– 6 + 6 = 0
0 = 0
बायाँ पक्ष = दायाँ पक्ष
दोनों मानों पर, बायाँ पक्ष = दायाँ पक्ष है, इसका अर्थ है कि हमारा उत्तर सही है।
उदाहरण – 2) गुणनखंड विधि द्वारा द्विघात समीकरण 2x2 – 5x + 3 = 0 के मूल ज्ञात कीजिए।
हल – 2x2 – 5x + 3 = 0 यहाँ, a⨯c = 2⨯3 = 6 और b = -5
2x2 – (2+3)x + 3 = 0 दो अंकीय मान -2 और -3 होंगे
2x2 – 2x – 3x + 3 = 0 -2⨯(-3) = 6 और -2 + (-3) = -2 – 3 = -5
2x(x-1) -3(x-1) = 0
(x-1) (2x-3) = 0
(x-1) = 0 और (2x-3) = 0
x = 1 और x = 3/2
इस प्रकार द्विघात समीकरण 2x2 – 5x + 3 = 0 के मूल x = 1 और x = 3/2 हैं। उत्तर
पूर्ण वर्ग विधि –
इस विधि में, हम द्विघात समीकरण(Quadratic Equations) को पूर्ण वर्ग रूप में परिवर्तित करते हैं और फिर हम आवश्यक मूल प्राप्त करने के लिए वर्गमूल लेते हैं।
यह विधि निम्नलिखित उदाहरण से स्पष्ट हो जाएगी।
उदाहरण -1) द्विघात समीकरण 9x2 – 3x – 2 = 0 को पूर्ण वर्ग विधि से हल कीजिये।
हल – दिया गया समीकरण 9x2 – 3x – 2 = 0
चरण 1) हम x2 का गुणांक 1 बनाने के लिए पूरे समीकरण को 9 से विभाजित करते है।
9x2/9 – 3x/9 – 2/9 = 0
x2 – x/3 – 2/9 = 0
चरण 2) अचर पद को दायीं ओर ले जाने पर
x2 – x/3 = 2/9
चरण 3) x के गुणांक के आधे के वर्ग को दोनों पक्षों में जोड़कर बायीं ओर एक पूर्ण वर्ग बनाते है।
x2 – x/3 + (⅙)2 = 2/9 + (⅙)2 [गुणांक का आधा x = ⅓ ÷ 2 = ⅓⨯½ = ⅙]
चरण 4) अब बायीं ओर एक पूर्ण वर्ग है।
(x – ⅙)2 = 2/9 + 1/36
(x – ⅙)2 = (2⨯4 + 1⨯1)/36 (लसप = 36)
(x – ⅙)2 = 9/36
(x – ⅙)2 = ¼
आसान युक्ति – एक पूर्ण वर्ग बनाने के लिए, हम समीकरण (x2 – x/3 – 2/9 = 0) के मध्य पद (–x/3) के चिह्न को जो कि इस उदाहरण में – (ऋणात्मक) है, चर x और x के गुणांक का आधा भाग जो ⅙ है, के बीच में रखते है और पूर्ण वर्ग (x – ⅙)2 बनाते है।
चरण 5) दोनों पक्षों का वर्गमूल लेने पर
√(x – ⅙)2 = √¼
x – ⅙ = ±½
दोनों मानों को अलग-अलग लेने पर,
(+) चिह्न लेने पर,
x – ⅙ = +½
x = ½ + ⅙
x = (1⨯3 + 1⨯1)/6
x = 4/6
x = ⅔
(–) चिह्न लेने पर,
x – ⅙ = −½
x = −½ + ⅙
x = (−1⨯3 + 1⨯1)/6
x = −2/6
x = −⅓
इसलिए, x = ⅔ और x = −⅓ द्विघात समीकरण 9x2 – 3x – 2 = 0 के अभीष्ट मूल हैं। उत्तर
उदाहरण – 2) द्विघात समीकरण 2x2 – 7x + 3 = 0 को पूर्ण वर्ग विधि से हल करें।
हल – दिया हुआ समीकरण 2x2 – 7x + 3 = 0
x2 का गुणांक 1 बनाने के लिए समीकरण को 2 से विभाजित करने पर,
2x2/2 – 7x/2 + 3/2 = 0
x2 – 7x/2 + 3/2 = 0
अचर पद को दायीं ओर ले जाने पर,
x2 – 7x/2 = –3/2
दोनों पक्षों में x के गुणांक के आधे का वर्ग जोड़ने पर,
x2 – 7x/2 + (7/4)2 = –3/2 + (7/4)2 [गुणांक का आधा x = 7/2 ÷ 2 = 7/2⨯½ = 7/4]
(x – 7/4)2 = –3/2 + 49/16 = (–3⨯8 + 49⨯1)/16 = (–24 + 49)/16 = 25/16
(x – 7/4)2 = 25/16
दोनों तरफ वर्गमूल लेने पर,
√(x – 7/4)2 = √(25/16)
x – 7/4 = ±5/4
(+) चिह्न लेने पर,
x – 7/4 = +5/4
x = 5/4 + 7/4
x = (5 + 7)/4 = 12/4
x = 3
(–) चिह्न लेने पर,
x – 7/4 = –5/4
x = –5/4 + 7/4
x = (–5 + 7)/4 = 2/4
x = ½
x के दोनों मान अभीष्ट मूल हैं। उत्तर
द्विघाती सूत्र (श्रीधराचार्य सूत्र) –
द्विघाती सूत्र महान भारतीय गणितज्ञ श्रीधराचार्य द्वारा दिया गया है और इसे श्रीधराचार्य सूत्र के रूप में भी जाना जाता है। इस सूत्र का उपयोग द्विघात समीकरण(Quadratic Equations) को हल करने के लिए किया जाता है।
x = –b ± √(b2 – 4ac)/2a
जहाँ x = चर
a, b, c = द्विघात समीकरण के गुणांक
⇒ यह सूत्र पूर्ण वर्ग विधि से प्राप्त किया जा सकता है।
द्विघात समीकरण का मानक रूप है
ax2 + bx + c = 0
x2 + bx/a + c/a = 0 (1 को x2 के गुणांक के रूप में लेने पर या पूरी समीकरण को x2 के गुणांक (a) से भाग देने पर)
x2 + bx/a = −c/a (अचर पद को दाईं ओर ले जाने पर)
x2 + bx/a + (b/2a)2 = −c/a + (b/2a)2 (x के गुणांक के आधे का वर्ग जोड़ने पर)
(x + b/2a)2 = −c/a + b2/4a2
(x + b/2a)2 = (−c⨯4a + b2⨯1)/4a2 = (−4ac + b2)/4a2
दोनों तरफ वर्गमूल लेने पर,
√(x + b/2a)2 = √(−4ac + b2)/4a2
x + b/2a = ±√(b2 − 4ac)/2a
x = −b/2a ± √(b2 − 4ac)/2a
x = −b ± √(b2 − 4ac)/2a
यहाँ ± चिह्न, x के दो मान दर्शाता है।
x = −b + √(b2 − 4ac)/2a x = −b − √(b2 − 4ac)/2a
x के उपरोक्त मान श्रीधराचार्य सूत्र है।
उदाहरण – श्रीधराचार्य सूत्र द्वारा द्विघात समीकरण 9x2 + 7x – 2 = 0 को हल कीजिये।
हल – दिया गया समीकरण 9x2 + 7x – 2 = 0
मानक रूप ax2 + bx + c = 0 के साथ तुलना करने पर,
इसलिए, a = 9, b = 7, c = – 2
श्रीधराचार्य सूत्र द्वारा, x = −b ± √(b2 − 4ac)/2a
a, b, c के मान रखने पर,
x = −7 ± √{72 − 4⨯9⨯(-2)}/2⨯9
x = −7 ± √{49 + 72}/18
x = −7 ± √{121}/18 = (−7 ± 11)/18
(+) चिह्न लेने पर,
x = (−7 + 11)/18
x = 4/18
x = 2/9
(−) चिह्न लेने पर,
x = (−7 − 11)/18
x = −18/18
x = −1
x के ये मान दिए गए द्विघात समीकरण के मूल हैं। उत्तर
विविक्तकर और मूलों की प्रकृति –
हम श्रीधराचार्य सूत्र में प्रयुक्त पद b2 – 4ac से मूलों की प्रकृति का पता लगा सकते हैं जिसे विविक्तकर (Discriminant) कहा जाता है। इसे D द्वारा निरूपित किया जाता है।
D = b2 – 4ac
⇒ यदि D > 0 है तो मूल भिन्न और वास्तविक होंगे।
x = (−b + √D)/2a और x = (−b − √D)/2a
⇒ यदि D = 0 है तो मूल बराबर और वास्तविक होंगे।
x = −b/2a और x = −b/2a
⇒ यदि D < 0 है तो मूल वास्तविक नहीं होंगे, काल्पनिक होंगे।
उदाहरण -1) समीकरण 2x2 – 6x + 3 = 0 के मूलों की प्रकृति ज्ञात कीजिए और यदि मूल मौजूद हैं तो उन्हें ज्ञात कीजिए।
हल – दिया हुआ समीकरण 2x2 – 6x + 3 = 0
समीकरण की तुलना ax2 + bx + c = 0 से करने पर,
यहाँ, a = 2, b = – 6, c = 3
अब D = b2 – 4ac
D = (-6)2 – 4⨯2⨯3 = 36 – 24 = 12
∵ D > 0
∴ समीकरण 2x2 – 6x + 3 = 0 के मूल भिन्न और वास्तविक होंगे।
श्रीधराचार्य सूत्र द्वारा, x = (−b ± √D)/2a जहाँ, D = b2 – 4ac
x = {−(-6) ± √12)}/2⨯2 = {6 ± √(4⨯3)}/4
x = {6 ± 2√3}/4 = 2{3 ± √3}/4 = {3 ± √3}/2
इसलिए, मूल x = (3 + √3)/2 और x = (3 − √3)/2 है। उत्तर
उदाहरण – 2) समीकरण x2 – 4x + 4 = 0 के मूलों की प्रकृति ज्ञात कीजिए और यदि मूल मौजूद हैं तो उन्हें ज्ञात कीजिए।
हल – दिया हुआ समीकरण x2 – 4x + 4 = 0
ax2 + bx + c = 0 से तुलना करने पर,
a = 1, b = – 4, c = 4
अब D = b2 – 4ac
D = (-4)2 – 4⨯1⨯4 = 16 – 16 = 0
∵ D = 0
∴ समीकरण x2 – 4x + 4 = 0 के मूल बराबर और वास्तविक होंगे।
द्विघाती सूत्र द्वारा, x = (−b ± √D)/2a जहाँ, D = b2 – 4ac
x = {−(-4) ± √0)/2⨯1 = (4 ± 0)/2 = 4/2
x = 2
अत: मूल x = 2 और x = 2 है। उत्तर
उदाहरण – 3) समीकरण 2x2 + 3x + 5 = 0 के मूलों की प्रकृति ज्ञात कीजिए और यदि मूल मौजूद हैं तो उन्हें ज्ञात कीजिए।
हल – दिया हुआ समीकरण 2x2 + 3x + 5 = 0
ax2 + bx + c = 0 से तुलना करने पर,
a = 2, b = 3, c = 5
अब D = b2 – 4ac
D = (3)2 – 4⨯2⨯5 = 9 – 40 = – 31
∵ D < 0
∴ समीकरण 2x2 + 3x + 5 = 0 के मूल वास्तविक नहीं होंगे। ये काल्पनिक होंगे।
श्रीधराचार्य द्विघाती सूत्र द्वारा, x = (−b ± √D)/2a जहाँ, D = b2 – 4ac
x = (−3 ± √-31)/2⨯2 = (−3 ± √−1⨯31)/4
x = (−3 ± √−1⨯√31)/4 = (−3 ± √31i )/4
इसलिए, मूल x = (−3 + √31i )/4 और x = (−3 − √31i )/4 होंगे। जहाँ, i(आयोटा) = √−1
द्विघात समीकरण(Quadratic Equations) कक्षा 10 अँग्रेजी में
द्विघात समीकरण(Quadratic Equations) के बारे में अधिक जानकारी