पिछली कक्षाओं में हमने बीजगणितीय व्यंजकों का अध्ययन किया है और हम जानते हैं कि बीजगणितीय व्यंजक अंग्रेजी अक्षरों और संख्यात्मक मानों के मिश्रित व्यंजक होते हैं। बहुपद भी एक विशेष प्रकार का बीजीय व्यंजक होते हैं। शब्द बहुपद (Polynomial) दो ग्रीक शब्दों “poly” और “nominal” से बना है। “Poly” का अर्थ है कई और “nominal” का अर्थ है पद। अतः बहुपद का अर्थ कई पद होता है। कक्षा 9वीं के इस लेख में, हम बहुपद (Polynomial Class 9th) और उससे संबंधित पदों, शेषफल प्रमेय, गुणनखंड प्रमेय और बहुपदों के गुणनखंड में दोनों प्रमेयों के उपयोग का अध्ययन करेंगे। हम कुछ और बीजगणितीय सर्वसमिकाओं और गुणनखंड में उनके उपयोग का भी अध्ययन करेंगे।
एक चर वाले बहुपद (Polynomials in One Variable)
चर (Variable) – हम जानते हैं कि चर किसी भी वास्तविक मानों के लिए उपयोग किए जाने वाले अज्ञात मान हैं और इन्हें अंग्रेजी अक्षरों जैसे x, y, z, t, आदि द्वारा निरूपित किया जाता है। विभिन्न स्थितियों के लिए चर का मान बदला जा सकता है।
अचर (Constant) – अचर बहुपदों में उपयोग किए जाने वाले वास्तविक ज्ञात मान हैं। किसी विशेष स्थिति में अचर का मान नहीं बदलता है। कभी-कभी हम अचर को निरूपित करने के लिए अंग्रेजी वर्णमाला जैसे a, b, c, आदि का उपयोग करते हैं, जब हम नहीं जानते कि अचर क्या है।
वह व्यंजक जिसमें केवल एक चर होता है, एक चर वाला बहुपद कहलाता है।
उदाहरण – (1) 3x (2) x2 – 2x (3) x4 + x3 – x2 (4) 5x + 2
उपरोक्त उदाहरणों में, सभी व्यंजकों में चर के घातांक के रूप में केवल पूर्ण संख्याएँ हैं और चर x है। इसी प्रकार, y2 + 3y चर y में बहुपद है और 6z – 4 चर z में बहुपद है।
पद (Terms) – बहुपदों में, पद अंकगणितीय संक्रियाओं जोड़ (+) और घटाव (-) से जुड़े होते हैं। बहुपद y2 + 3y, में व्यंजक y2 और 3y बहुपद के पद कहलाते हैं और बहुपद y2 + 3y में दो पद हैं। इसी प्रकार, बहुपद x4 + x2 – 2 में तीन पद x4, x2, और -2 हैं। बहुपद 6z – 4 के दो पद 6z और -4 हैं।
गुणांक (Coefficient) – प्रत्येक बहुपद में किसी पद के गुणन कारक को गुणांक कहते हैं। बहुपद 5x + 2 में, x का गुणांक 5 है और x0 का गुणांक 2 है। इसी प्रकार, बहुपद x4 + 3x3 – 8x2 में, x4 का गुणांक 1 है, x3 का गुणांक 3 है, और x2 का गुणांक -8 है।
अचर बहुपद (Constant Polynomial) – यदि किसी बहुपद में केवल एक ही अचर मान हो तो वह बहुपद अचर बहुपद कहलाता है। बहुपद 5, -7, 3, आदि अचर बहुपदों के उदाहरण हैं।
शून्य बहुपद (Zero Polynomial) – अचर बहुपद 0 को शून्य बहुपद कहते हैं।
गैर-बहुपद (Non-polynomial)
हम जानते हैं कि किसी भी बहुपद में, चर के घातांक केवल पूर्ण संख्याएँ होते हैं। यदि किसी व्यंजक में कोई अन्य संख्या है जो चर के घातांक के रूप में एक पूर्ण संख्या नहीं है तो वह व्यंजक गैर–बहुपद कहलाता है।
उदाहरण –
1) x + 1/x
हम लिख सकते हैं, x + 1/x = x + x-1
यहाँ, दूसरे पद x-1 का घातांक -1 है, जो एक पूर्ण संख्या नहीं है। अतः यह बीजगणितीय व्यंजक एक बहुपद नहीं है।
2) √y – 2
हम लिख सकते हैं, √y – 2 = y1/2 – 2
यहाँ, y का घातांक ½ है, जो एक पूर्ण संख्या नहीं है। अतः यह बहुपद नहीं है।
3) 4√z + z-3
हम लिख सकते हैं, 4√z + z-3 = z1/4 + z-3
यहाँ, दोनों पदों के घातांक ¼ और -3 हैं, जो पूर्ण संख्याएँ नहीं हैं। अतः यह बहुपद नहीं है।
नोट – हम किसी बहुपद को उसमें उपस्थित चर के अनुसार निरूपित कर सकते हैं। यदि एक बहुपद में चर x है, तो हम बहुपद को p(x), या q(x), या r(x), आदि द्वारा निरूपित कर सकते हैं। समझने के लिए कुछ उदाहरण लेते हैं।
1) p(x) = x2 – 2x
2) q(y) = y2 + 3y + 1
3) r(z) = z4 + z3 – z2
4) s(u) = 3 + 6u – 4u2 + u3
बहुपदों के प्रकार (Types of Polynomial)
(1) एकपदी (Monomials) – जिन बहुपदों में केवल एक पद होता है, उन्हें एकपदी कहते हैं। ‘मोनो’ (Mono) का अर्थ है ‘एक’।
उदाहरण – 6x, 7y2, -9x4, 3, z3, y, आदि।
(2) द्विपद (Binomials) – जिन बहुपदों में केवल दो ही पद हों, उन्हें द्विपद कहते हैं। ‘बाय’ (Bi) का अर्थ है ‘दो’।
उदाहरण – p(x) = x3 + 1, q(y) = y – 5y2, r(x) = 7x5 + 6x6, s(z) = z – 8, आदि।
(3) त्रिपद (Trinomials) – जिन बहुपदों में तीन पद होते हैं, उन्हें त्रिपद कहते हैं। ‘ ट्राय’ (Tri) का अर्थ है ‘तीन’।
उदाहरण – p(x) = 5x9 – x2 + 2x3, q(y) = y2 + 5y – √3, r(z) = z2 + z + 1, s(u) = 4 – u4 + 4u, आदि।
बहुपद की घात (Degree of Polynomial)
बहुपद में, चर की उच्चतम घात को बहुपद की घात कहा जाता है। बहुपद 5x9 – x2 + 2x3 में चर x है और x की उच्चतम घात 9 है इसलिए इस बहुपद की घात 9 होगी।
उदाहरण – नीचे दिए गए बहुपदों की घात ज्ञात कीजिए:
(1) x3 – 2x + 1
(2) y + y5 – 8 + 4y
(3) 9 + x – 6x2 + x3 – 2x4
(4) 8
(5) x
हल – (1) x3 – 2x + 1
चर x की उच्चतम घात 3 है। इसलिए, बहुपद की घात 3 होगी।
(2) y + y5 – 8 + 4y
चर y की उच्चतम घात 5 है। इसलिए, बहुपद की घात 5 होगी।
(3) 9 + x – 6x2 + x3 – 2x4
चर x की उच्चतम घात 4 है। इसलिए, बहुपद की घात 4 होगी।
(4) 8
दिया गया बहुपद एक अचर बहुपद है जिसे 8x0 के रूप में लिखा जा सकता है। इसलिए, x का घातांक 0 है। अतः बहुपद की घात 0 होगी।
(5) x
चर x की उच्चतम घात 1 है। इसलिए, बहुपद की घात 1 होगी।
नोट – शून्येतर अचर बहुपद की घात सदैव शून्य होती है।
रैखिक बहुपद (Linear Polynomial)
एक घात वाले बहुपद को रैखिक बहुपद कहते हैं।
उदाहरण – (1) 6x + 5 (2) x – 2 (3) 7x (4) √3y + 2 (5) z + √2 (6) 10u
इनमें से प्रत्येक बहुपद की घात एक है। उपरोक्त उदाहरणों में, हम देख सकते हैं कि प्रत्येक बहुपद में एक या दो पद हैं, जिसका अर्थ है कि इनमें से प्रत्येक बहुपद या तो द्विपद है या एकपदी है। अतः हम कह सकते हैं कि एक रैखिक बहुपद में अधिक से अधिक दो पद हो सकते हैं। इसलिए, चर x में कोई भी रैखिक बहुपद ax + b के रूप का होगा, जहाँ a और b अचर हैं और a ≠ 0 है। ax + b को रैखिक बहुपद का सामान्य रूप कहा जाता है।
द्विघाती बहुपद (Quadratic Polynomial)
दो घात वाले बहुपद को द्विघाती बहुपद कहते हैं।
उदाहरण – (1) x2 + 3x + 1 (2) 2 – 7x2 (3) y2 + p (4) 4z2 + 5z (5) u – u2 (6) 9y2
इनमें से प्रत्येक बहुपद की घात दो है। उपरोक्त उदाहरणों में, हम देख सकते हैं कि प्रत्येक बहुपद में एक या दो या तीन पद हैं, जिसका अर्थ है कि इनमें से प्रत्येक बहुपद या तो त्रिपद है या द्विपद है या एकपदी है। अतः हम कह सकते हैं कि एक द्विघाती बहुपद में अधिक से अधिक तीन पद हो सकते हैं। इसलिए, चर x में कोई भी द्विघाती बहुपद ax2 + bx + c, के रूप का होगा, जहाँ a, b, और c अचर हैं और a ≠ 0 है। ax2 + bx + c द्विघाती बहुपदों का सामान्य रूप कहलाता है।
त्रिघाती बहुपद (Cubic Polynomial)
तीन घात वाले बहुपद को त्रिघाती बहुपद कहते हैं।
उदाहरण – (1) 2x3 – x (2) y3 + y2 + y + 1 (3) 3z3 (4) u2 – 6u3 (5) 2x3 + 1 (6) y3 + 5y – 8
इनमें से प्रत्येक बहुपद की घात तीन है। उपरोक्त उदाहरणों में, हम देख सकते हैं कि प्रत्येक बहुपद में एक या दो या तीन या चार पद हैं, जिसका अर्थ है कि इनमें से प्रत्येक बहुपद या तो त्रिपद है या द्विपद है या एकपदी है। अतः हम कह सकते हैं कि एक त्रिघाती बहुपद में अधिक से अधिक चार पद हो सकते हैं। इसलिए, चर x में कोई भी त्रिघाती बहुपद ax3 + bx2 + cx + d, के रूप का होगा, जहाँ a, b, c और d अचर हैं और a ≠ 0 है। ax3 + bx2 + cx + d को त्रिघाती बहुपदों का सामान्य रूप कहा जाता है।
नोट – (1) उपरोक्त व्याख्या की सहायता से हम किसी प्राकृत संख्या n के लिए घात n वाले एक चर x में एक बहुपद लिख सकते हैं।
p(x) = anxn + an-1xn-1 +…………+ a1x + a0
जहाँ, an ≠ 0 और an, an-1, …….. ,a1,a0 = अचर
(2) उपरोक्त व्यंजक में, यदि a0 = a1 = a2 = …… = an = 0 (सभी अचर शून्य हैं), तो हमें शून्य बहुपद प्राप्त होता है, जिसे 0 से निरूपित किया जाता है। शून्य बहुपद की घात अपरिभाषित होती है।